वॉशिंगटन। एक दंपति को अपनी 22 माह की बेटी का सरनेम अल्लाह रखने की इजाजत नहीं देने पर नागरिक अधिकार संगठन अमेरिकन सिविल लिबर्टी यूनियन (एसीएलयू) ने जॉर्जिया प्रांत पर केस कर दिया है। एलिजाबेथ हेंडी और बिलाल वाक बेटी जैलीखा ग्रेसफुल लार्निया का सरनेम अल्लाह रखना चाहते हैं, लेकिन प्रांतीय अधिकारियों ने इस नाम से जन्म प्रमाण-पत्र जारी करने से इनकार कर दिया।
इसके बाद 23 मार्च को एसीएलयू ने केस दायर किया। संगठन ने इसे अधिकारों का हनन बताते हुए कहा है कि माता-पिता अपने बच्चे का क्या नाम रखें और क्या नहीं यह बताना सरकार का काम नहीं है। वाक ने कहा कि श्रेष्ठ होने के कारण वे अपनी बच्ची का नाम अल्लाह रखना चाहते हैं और इसका धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। जन्म प्रमाण-पत्र नहीं मिलने के कारण दंपति को अंदेशा है कि बच्ची पढ़ाई, स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक सुरक्षा सुविधाओं से वंचित रह जाएगी। प्रांत के कानून के अनुसार बच्चे का सरनेम या तो माता-पिता के नाम पर होना चाहिए या फिर दोनों के नाम से बना शब्द।