बठिंडा। जिले के गांव कोटफत्ता में दादी व पिता ने अंधविश्वास के चलते दो मासूम बच्चों की जान ले ली। उन्होंने पहले बच्चों को लोहे के गर्म चिमटे से पीटा और फिर बच्चों के मुंह में जलते हुए बल्ब डाल दिए, जिस कारण करंट लगने से पांच वर्षीय रणजोत व तीन वर्षीय अनामिका की जान चली गई। इस दर्दनाक घटना के बाद पूरा गांव मौके पर इकट्ठा हो गया।
बच्चों को मारने वाले पिता व दादी खुद को बाबा बताते रहे और कहते रहे कि दोनों के अंदर भूत प्रवेश कर गए थे, इसलिए उन्हें मार डाला। देहात के डीएसपी कुलदीप सिंह सोही ने बताया कि कई दिनों से गांव कोटफत्ता में रहने वाली आरोपी निर्मल कौर व उसका बेटा कुलविंदर सिंह खुद में शेषनाग की आत्मा आने का दावा कर रहे थे।
दादी ने भरोसा दिया कि बलि लेने के बाद बच्चों को जिंदा कर देगी
निर्मल कौर ने मंगलवार रात को ही सिद्धि प्राप्त करने का ऐलान कर दिया था और बच्चों की बलि की साजिश बना ली थी। उसने सभी को भरोसा दिया कि वह बलि लेने के बाद बच्चों को जिंदा कर देगी। इस बात का मां को पता चला, तो उसने तुरंत इसका विरोध किया, लेकिन उसके पति ने उसकी एक नहीं सुनी और उसे मारपीट करके एक कमरे में बंद कर दिया। बाद में बच्चों को जिंदा करने के लिए निर्मल के आदेश पर कुलजिंदर ने ट्यूब तोड़ कर बच्चे के मुंह में कांच भी डाला।