हिंदी कहानी को नई रंगत और पहचान देने वाला साहित्यकार निर्मल वर्मा और गगन गिल की प्रेम कहानी बड़ी रोचक है। निर्मल वर्मा जब कवियत्री गगन गिल से मिले तब उनकी उम्र 50 वर्ष थी, और गगन की 20। हालांकि उम्र की ये सीमा उनके प्यार को नहीं रोक सकी।
निर्मल वर्मा एकांत पसंद, साहित्य और लेखन से जुड़े रहने वाले शख्स थे। वे विवादों और बातों से दूर सिर्फ और सिर्फ अपनी कलम से ही अपनी बात रखते थे। 1979 में दोनों की मुलाकात हुई, करीब दस साल साथ रहने के बाद दोनों ने शादी कर ली।
निर्मल वर्मा का जन्म तीन अप्रैल 1929 को शिमला में हुआ। वे अपने माता-पिता के आठ बच्चों में पांचवे थे। रात का रिपोर्टर, एक चिथड़ा सुख, लाल टीन की छत, अंतिम अरण्य, वे दिन, उनके बेहद चर्चित उपन्यास हैं। निर्मल जी को 1999 में ज्ञानपीठ मिला।
2002 में पद्मभूषण से नवाजे गए निर्मल वर्मा। 2005 में भारत सरकार ने उनका नाम नोबल पुरस्कार के लिए भी भेजा। अपने से 30 साल बड़े निर्मल जी को जीवनसाथी चुनने वाली गगन गिल का जन्म 18 नवम्बर 1959 को दिल्ली में हुआ था।
अंग्रेजी साहित्य में एमए करने वाली गगन ने पत्रकार रुप में अपने कैरियर की शुरुवात की। गगन ने टाइम्स ऑफ इंडिया और संडे ऑब्ज़र्वर में काम किया। नौकरी करते हुए वे कवितायें लिखती रहीं।
उन्होंने कई यादगार कविता संग्रह लिखे। देश के कई यूनिवर्सिटी में गगन गिल की रचनायें पढाई जाती हैं। हिंदी साहित्य में ये एक समर्पित प्रेम की मिसाल है।