नई दिल्ली। ये दुनिया अजीबोगरीब लोगों और रिवाजों से भरी हुई है। जिनकी परंपराएं भी काफी अजीब होती है। ऐसी ही एक जनजाति अफ्रीका के साउथ सूडान में पाई जाती है। यहां के रहने वाले मुदांरी जनजाति के लोग अपने अनोखे रहन सहन की वजह से दुनिया भर में मशहूर हैं।
आपने लोगों को अक्सर गाय के गोबर और मूत्र का इस्तेमाल पूजा-पाठ या घर की लिपाई पुताई में ही करते देखा होगा। लेकिन अगर कोई गर्मी से बचने के लिए पानी से नहीं बल्कि गोबर और गोमूत्र से नहाए तो क्या कहेंगे। जी हां, यह सच है कि इस जन जाति के लोग गर्मी से बचने के लिए नहाते हैं गौ-मूत्र से,यहां के लोग बीमारियों से बचने के लिए गोबर का लेप अपने शरीर पर लगाते हैं।
ये इलाका पूरी दुनिया से एकदम कटा हुआ है और यहां के लोग अपनी मूलभत सुविधाओं से वंचित है। यहां के लोगों की जीवनरेखा पशुओं पर टिकी हुई है,जिनमें गाय और बैल सबसे खास हैं। मच्छरों से बचने का तो इन्होंने और भी दिलचस्प तरीका निकाला है, इसके लिए ये लोग गोबर से बने उपलों की राख को शरीर पर लगाते हैं।
यहां रहने वाले लोगों के लिए गाय और भैंस रोजगार का सबसे बड़ा माध्यम हैं। कहीं गाय चोरी न हो जाएं इसके लिए यहां के लोग अपनी गाय के साथ सोते हैं। यहां तक कि शादी में दहेज के रूप में भी गाय को ही दिया जाता है।