मुंबई। एमडीएच मसाले के पैकेट पर छपी 'दादाजी' की फोटो से शायद ही कोई अंजान हो। उनको चहरे को हर कोई पहचानता है लेकिन नाम बहुत कम लोगों ही मालूम होता है। मासाल पैकेट पर छपे वृद्ध व्यक्ति का नाम धर्मपाल गुलाटी है। वे शायद देश के एकलौते सीईओ है जो अपने उत्पाद के विज्ञापन करते नजर आते हैं।
धर्मपाल गुलाटी भारतीय खुदरा बाजार में बिकने वाले उत्पाद के रुप में सबसे अधिक सैलरी लेने वाले सीईओ है। पांचवी पास धर्मपाल गुलाटी ने पिछले वित्तीय वर्ष में 21 करोड़ रुपए सैलरी ली जोकि गोदरेज कंज्यूमर के आदि गोदरेज और विवेक गंभीर, हिंदुस्तान यूनिलिवर के संजीव मेहता और आईटीसी के वाई सी देवेश्वर से भी ज्यादा है।
धर्मपाल गुलाटी की कंपनी 'महाशियां दी हट्टी' जो MDH के नाम से ज्यादा लोकप्रिय है, ने इस साल कुल 924 करोड़ रुपए का व्यापार किया, जिसमें कंपनी को 213 करोड़ रुपए शुद्ध लाभ कमाया। इस समय धर्मपाल गुलाटी के उम्र 94 साल है।
पांचवीं पास इस शख्स ने पिछले वित्तीय वर्ष में 21 करोड़ रुपए कमाई की जो गोदरेज कन्ज्यूमर के आदि गोदरेज और विवेक गंभीर, हिंदुस्तान युनिलीवर के संजीव मेहता और ITC के वाई सी देवेश्वर की कमाई से भी ज्यादा है। MDH के नाम से मशहूर उनकी कंपनी 'महाशियां दी हट्टी' को इस साल कुल 213 करोड़ रुपए का लाभ हुआ। इस कंपनी के 80 प्रतिशत हिस्सेदारी गुलाटी के पास हैं।
गुलाटी को दादाजी या महाशयजी के नाम से भी जाना जाता है। उनकी पहचान एक ऐसे मेहनती उद्यमी के तौर पर है जो फैक्ट्री, बाजार और डीलर्स का नियमित दौरा करते हैं। जब तक उनको इस बात की तसल्ली नहीं मिल जाती है कि कंपनी में सब कुछ ठीक-ठाक चल रहा है, उन्हें चैन नहीं पड़ती है। वह रविवार को भी फैक्ट्री जाते हैं।