20 Apr 2024, 21:09:49 के समाचार About us Android App Advertisement Contact us app facebook twitter android
zara hatke

एक और बेटे की चाहत में किसान के हो गए 17 बच्चे

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jan 2 2017 12:22PM | Updated Date: Jan 2 2017 12:22PM
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

अहमदाबाद। यूं तो सरकार का नारा है हम दो और हमारे दो लेकिन गुजरात के आदिवासी जिले दाहोद में एक शख्स ने दूसरे बेटे की चाह में 17 बच्चे कर लिए। इसमें 16 बेटियां और एक बेटा है। गुजरात के दाहोद में 44 वर्षीय रामसिंह अपनी पत्नी कानू संगोट के साथ रहते हैं।
 
रामसिंह 17 बच्चों के बाद 18वीं संतान की चाह थी, लेकिन गांववालों ने उसे समझाया वह अपने परिवार पर अब रोक लगाए तो उसने परिवार नियोजन के बारे में सोचा। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक, रामसिंह चाहता था कि उसका परिवार बड़ा हो और उसे एक बेटे की और चाह है। उसने बताया कि उसकी पत्नी ने 16वीं बेटी समरूता को सितंबर 2015 को जन्म दिया था। 
 
17 बच्चों की जन्मतिथि तक याद नहीं, कई के तो नाम भी नहीं रखे
राम सिंह ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि उसे 17 बच्चों की जन्म तारीख का पता नहीं है। कई का नामकरण तो अभी तक नहीं किया गया है। इकलौते बेटे विजय का जन्म 2013 में हुआ था। 16 में से दो बेटियों की मौत हो गई, जबकि दो की शादी हो चुकी है। दो बेटियां राजकोट में काम करती हैं। पत्नी ने कहा, पति के लिए खास था कि दो बेटे हों।
 
हमारे समाज में बहनों के प्रति भाइयों को कई जिम्मेदारियां निभानी पड़ती हैं। मेरा इकलौता बेटा इस बोझ को उठाने के लायक नहीं है। रामसिंह अपने परिवार के साथ एक मिट्टी के बने घर में रहता है। अपने परिवार का गुजारा करने के लिए राम सिंह दो बीघा जमीन पर मक्के और गेंहू की खेती करते हैं। उसकी पत्नी भी अतिरिक्त कमाई के लिए मजदूरी का काम करती है। 
 
गांव की सरपंच वायरल बेन ने बताया कि ग्राम पंचायत और गांव के वरिष्ठ लोगों ने रामसिंह और कानू को समझाया कि वह अपने परिवार पर अब रोक लगाए, क्योंकि इस महंगाई के दौर में इतने बच्चों को पालना बहुत मुश्किल है। कैसे उनकी पढ़ाई और शादियां होंगी? इसके बाद रामसिंह को समझ में आया और उसने गांव वालों को आश्वासन दिया कि वह और बच्चे पैदा नहीं करेगा।
 
  • facebook
  • twitter
  • googleplus
  • linkedin

More News »