कोलकाता। कोलकाता के मिटियाबुर्ज झुग्गी बस्ती में रहने वाली दिहाड़ी मजदूर की बेटी को पता भी नहीं चला और वह रातोरात लखपति बन गई। इस बात का अहसास उसे तब हुआ, जब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों ने उसके दरवाजे पर दस्तक दी और 60 लाख वाले बैंक के एक खाते के बारे में बताया, जो उसके नाम पर रजिस्टर्ड है। घर के कामों में व्यस्त रहने वाली युवती को अचानक पता चला कि उसका एक बैंक खाता है और इसमें 8 नवंबर के बाद 60 लाख की रकम जमा कराई गई है। इस जानकारी के बाद युवती को समझ ही नहीं आया कि वह खुशी मनाए या दुख।
मासिक आय 6500 रुपए, फिर इतनी बड़ी रकम कैसे आई
प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के लिए इस बात पर विश्वास करना मुश्किल हो रहा था कि जिस परिवार की मासिक आय 6500 रुपए है उन्होंने अपने अकांउट में 60 लाख रुपए की राशि जमा कर रखी है। अधिकारी ने बताया, युवती के पिता को इस बारे में नहीं पता था और न ही युवती कुछ बता सकी। हो सकता है उसने बिना कुछ जाने ही कागजात पर हस्ताक्षर किए हों।
युवती से पूछताछ जारी है ताकि मामले की कोई कड़ी हाथ लग जाए। 8 नवंबर को सरकार द्वारा नोटबंदी का फैसला लिया गया था, जिसके बाद से ही जनधन खातों में बड़ी मात्रा में पैसे जमा किए जाने की जानकारी सामने आई है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर कोलकाता व आसपास की चार जगहों पर प्रवर्तन निदेशालय ने जांच शुरू की है।