चित्रकूट। बुंदेलखंड के चित्रकूट में मर चुकी विवाहित महिला के जिंदा होने का अनोखा मामला सामने आया है। कोर्ट में जिस महिला की हत्या के मामले की सुनवाई चल रही थी, वह जज के सामने पेश हो गई। इससे जज सहित सभी हैरान रह गए।
क्या है मामला?
चित्रकूट जिले के टिकरा गांव की निवासी 22 वर्षीय ज्ञानवती पत्नी मंझा उर्फ उदित नारायण 5 अक्टूबर को ससुराल वालों से बिना बताए अपनी मर्जी से कहीं चली गई थी। 15 अक्टूबर को महिला के पिता ने राजापुर थाने में पति और सास के खिलाफ बेटी को गायब करने का मुकदमा दर्ज कराया था।
18 अक्टूबर को कौशांबी जिले की यमुना नदी में एक मृत महिला का शव बरामद हुआ, जिसकी पहचान महिला के पिता ने अपनी बेटी ज्ञानवती के रूप में की। इसके बाद महिला के पिता ने उसके पति और सास के खिलाफ हत्या केस दर्ज कराया।
मृत महिला के मायके वालों ने कहा कि दहेज के लिए पति उदित नारायण और उसकी मां ने ज्ञानवती को मार दिया। पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए पति और सास को जेल भेज दिया।
इस मामले में बुधवार को नया मोड़ आया। मृत महिला अचानक मुख्य दंडाधिकारी (सीजेएम) की कोर्ट में हाजिर हो गई और कोर्ट में जीवित होने का प्रार्थना पत्र दिया। कोर्ट में उसने कहा, मैं जिंदा हूं, मुझे पति ने नहीं मारा, वह निर्दोश जेल में बंद है।
कोर्ट ने मामले में ज्ञानमती के 164 के तहत बयान दर्ज कर पुलिस को आदेश दिया है कि गैर इरादतन हत्या के मामले में अंतिम रिपोर्ट लगाते हुए मानवीय आधार पर पति और सास को जेल से रिहा किया जाए। वहीं महिला ने बताया कि वह रिश्तेदारी में चली गई थी।