जब से भारतीय सरकार ने 500 और 1000 रुपए के नोट बंद किए हैं उसके बाद से पूरे देश में अफरा-तफरी का माहौल है। लेकिन अगर आप यह सोच रहे हैं कि लोग वह काले धन को वाइट नहीं कर पा रहे तो शायद आप गलत हैं। लोगों ने कालेधन को व्हाइट करने के कई तरीके निकाल लिए हैं।
ग्रे मार्केट एक गैरकानूनी मार्केट है जो औपचारिक तरीके से ब्लैक मनी को व्हाइट करता है। इस तरीके को गैरकानूनी माना जाता है और कोई भी कानून को मान्यता नहीं देता।
यह बताया जा रहा है कि यह मार्केट ब्लैक मनी को व्हाइट कर रहा है। अगर खबरों की मानें तो इस मार्केट में ब्लैक मनी को व्हाइट करने के 25 फीसदी हिस्सेदारी ली जा रही है। यानी कि आप की कुल अमाउंट में से 25 प्रतिशत को वाइट करने वाले ले लेंगे।
इस कालाबाजारी में पेट्रोल पंपों का इस्तेमाल किया जा रहा है क्योंकि सरकार नए पुराने नोटों को पेट्रोल पंप पर इस्तेमाल करने की छूट दे रखी है। इसीलिए यहां पर यह कालाबाजारी की जा रही है यह माना जा रहा है कि पेट्रोल पंप पर काले धन को सफेद करने के लिए 5 फ़ीसदी हिस्सेदारी ली जा रही है। भारत के वित्त मंत्रालय ने भी यह बात मानी है कि भारत में 18 फीसदी काला धन है जो करीबन 36784 करोड रुपए हैं।