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दशहरे पर हुई मंदिर में रावण की पूजा, भक्तों ने मांगी लंकेश से मन्नतें

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Oct 11 2016 8:01PM | Updated Date: Oct 11 2016 8:01PM
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कानपुर। दशहरे पर यूं तो पूरे देश में अच्छाई पर बुराई की विजय के रूप में भगवान राम की पूजा हो रही है लेकिन कानपुर के शिवाला इलाके में एक मंदिर ऐसा है जहां शक्ति के प्रतीक के रूप में लंकाधिराज रावण की पूजा अर्चना और आरती हो रही है तथा श्रध्दालु अपने लिए मन्नतें मांग रहे हैं। इस मंदिर का नाम ‘दशानन मंदिर’ है और इसका निर्माण 1890 में हुआ था।
   
दशानन मंदिर के दरवाजे साल में केवल एक बार दशहरे के दिन ही सुबह नौ बजे खुलते हैं और मंदिर में लगी रावण की मूर्ति का पहले पूरी श्रध्दा और भक्ति के साथ श्रृंगार किया जाता है और उसके बाद रावण की आरती उतारी जाती है तथा शाम को दशहरे में रावण के पुतला दहन के पहले इस मंदिर के दरवाजे एक साल के लिए बंद कर दिए जाते है।
   
रावण के इस मंदिर में होने वाले समस्त कार्यक्रमों के संयोजक के के तिवारी ने बताया कि शहर के शिवाला इलाके में कैलाश मंदिर परिसर में मौजूद विभिन्न मंदिरों में भगवान शिव मंदिर के पास ही लंका के राजा रावण का मंदिर है।

यह मंदिर करीब 126 साल पुराना है और इसका निर्माण महाराज गुरू प्रसाद शुक्ल ने कराया था। उनका दावा है कि आज शाम तक रावण के इस मंदिर में करीब 15 हजार श्रधालू रावण की पूजा अर्चना करने आएंगे।
   
मंदिर के संयोजक तिवारी बताते है कि इस मंदिर को स्थापित करने के पीछे यह मान्यता थी कि रावण प्रकांड पंडित होने के साथ साथ भगवान शिव का परम भक्त था इस लिये शक्ति के प्रहरी के रूप में यहां कैलाश मंदिर परिसर में रावण का मंदिर बनाया गया था।

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