लियोन। यूरोप के आल्प्स पर्वत की दो चोटियों के बीच केबल कार सिस्टम ठप हो जाने से करीब 12 हजार फीट की ऊंचाई पर केबल कारों में 110 पर्यटक फंस गए। बचाव दल के हेलिकॉप्टरों ने गुरुवार रात को शुरू किए आॅपरेशन में 65 लोगों को सुरक्षित बचा लिया।
इसके बाद मौसम खराब हो गया, जिसके चलते 45 लोग रातभर फंसे रहे, इनमें 10 साल का एक बच्चा भी शामिल था। शुक्रवार दोपहर तक सभी को सुरक्षित निकाल लिया गया। इसे दुनिया का सबसे मुश्किल आॅपरेशन बताया गया है। बचाव दल के अफसरों ने बताया कि हादसे के समय तेज हवाएं चल रही थीं, जिससे केबल्स आपस में उलझ गई थीं।
हर साल जाते हैं करोड़ों सैलानी
ये केबल कारें फ्रांस की एजाइल डु मिडी चोटी और इटली के पॉइंट हेलब्रोनर को जोड़ती हैं। इस राइड में दुनियाभर में ख्यात यूरोप की सबसे ऊंची चोटी मो ब्ला का शानदार नजारा दिखता है। हर साल दुनियाभर से 12 करोड़ सैलानी यहां आते हैं।
इस जगह केबल कारें 3600 मीटर (11811 हजार फीट) ऊंचाई पर करीब पांच किलोमीटर लंबी केबल पर चलती हैं। एक चोटी से दूसरी चोटी तक जाने में करीब 35 मिनट लगते हैं। एक कार में चार लोगों के बैठने की जगह होती है।
बचाव में लगाए चार हेलिकॉप्टर
बचाव दल के मुताबिक हादसे के बाद लगातार आॅपरेशन चला। चार हेलिकॉप्टर राहत और रेक्स्यू आॅपरेशन में लगे रहे। इन्हें इटली, फ्रांस और स्विट्जरलैंड से मंगाया गया था।
फ्रांस के गृह मंत्री बर्नार्ड कैजेन्यूव ने कहा कि यह हादसा तकनीकी त्रुटि था। बचावकर्मी पूरी रात वहां रहे और केबल कारों में फंसे लोगों तक खाना, कंबल और पानी जैसी जरूरी चीजें पहुंचाई गईं।
इसलिए मुश्किल रहा आॅपरेशन
बचाव में देरी की वजह खराब मौसम को भी बताया जा रहा है। कोहरा और सर्दी बढ़ने की वजह से आॅपरेशन चलाना मुश्किल था।
फ्रांस के एक पुलिस अफसर कर्नल फ्रेडरिक लेब्रन के मुताबिक, ‘जिन हालात में रेस्क्यू को अंजाम दिया गया, उन्हें बेहद मुश्किल ही कहा जाएगा। करीब 5 किमी के दायरे में 36 केबल कारें फंसी हुई थीं, लेकिन सभी लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया।’
सैलानियों ने कहा...
करीब 10 घंटे तक केबल कार में फंसे रही एक पर्यटक कैथी कुक ने बताया, ‘हम लोग दोपहर 2:30 बजे फंसे थे। करीब 10 घंटे हमने इतनी ऊंचाई पर बिताए। गुरुवार रात हमें वहां से निकाला गया।’ एक अन्य सैलानी ने बताया, ‘तेज हवाओं और कोहरे की वजह से आॅपरेशन रुक गया था। हमें लगा पता नहीं आगे क्या होगा?’