कानपुर। करीब 25 साल पहले हुआ एक हादसा कानपुर के धरऊ गांव की शांति देवी के लिए बड़ी मुसीबत बन गया। हादसे के जख्म ठीक होने के बाद अस्पताल से लौटी शांति देवी का कद अचानक घटने लगा। शुरू में घर वालों ने गौर नहीं किया। वक्त गुजरने के साथ लंबाई तेजी से घटी तो ध्यान गया। अजब तरह की बीमारी लगने के बाद डॉक्टरों के दर पर दौड़ लगाई तो भी बात नहीं बनी।
एक तरफ इलाज तो दूसरी तरफ कद घटना जारी रहा। कभी सवा पांच फीट की रहीं शांति देवी की लंबाई अब महज दो फीट रह गई है। 60 वर्षीय शांति देवी चल-फिर नहीं पातीं हैं। छोटे बच्चों के लेटने वाला खटोला उनका ड्राइंग रूम भी है और लिविंग रूम भी। उनकी सारी जरूरतें खटोले पर ही पूरी होती हैं।
एक हादसे ने रोक दी जिंदगी की रफ्तार
ऐसा उनके साथ अजीब तरह की बीमारी के कारण हुआ। बताते हैं कि करीब 25 साल पहले घर के बाहर छप्पर रखा जा रहा था। घर के बाकी लोगों की तरह शांति देवी भी मदद कर रही थीं। इसी दौरान छप्पर की एक धन्नी सरकी फिर पूरा छप्पर शांति देवी के ऊपर आ गिरा। वह बुरी तरह घायल हो गर्इं। पति गंगाचरण कुशवाहा तथा अन्य लोग हास्पिटल ले गए। कुछ दिनों बाद ठीक हुई तो उन्हें घर ले आए।
बेटे विमलेश ने बताया कि करीब तीन महीने बाद उन्होंने शरीर की पूरी हड्डियों में दर्द की शिकायत की। डॉक्टर को दिखाया तो दवा दे दी। कुछ समय बाद शांति देवी के कद में कमी आनी शुरू हो गई। चार महीने में आधा फीट तक लंबाई कम हुई। फिर डॉक्टर को दिखाया तो जांचें हुर्इं। दवा भी हुई मगर फायदा नहीं हुआ। एक शहर से दूसरे शहर के डॉक्टरों के यहां दौड़ लगाती रहीं मगर लंबाई घटनी कम नहीं हुई। कुछ सालों में ही शांति देवी की लंबाई डेढ़ फीट कम हो गई।
ये बोले डॉक्टर
हर तरह के इलाज के बाद भी फायदा नहीं होने पर डाक्टरों ने हाथ खड़े कर दिए। थक-हारकर घर के लोग बैठ गए। अब शांति देवी की लंबाई केवल दो फीट बची है। कद में थोड़ी थोड़ी कमी अभी भी आ रही है। जिला अस्पताल के वरिष्ठ डॉ. शिशिर पुरी ने बताया कि यह बीमारी आस्टियोपोरोसिस नाम से जानी जाती है। महिलाओं में एस्ट्रोजेन हारमोन की कमी से यह रोग होता है। उन्होंने बताया कि शांति देवी का केस उनके सामने आ चुका है। उन्हें बोर्न कर्विंग के कारण दिक्कत है। कुछ समय बाद कद घटना बंद हो जाएगा।