कमलेश महाजन-
बुरहानपुर। यह एक संयोग ही है कि ग्राम भावसा के एक व्यक्ति को छह साल से सांप डंसता आ रहा है। अच्छी बात यह है कि आजतक उस पर जहर का कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिला। हां, सांप के डंसने के बाद वह बेहोश जरूर हो जाता है और अस्पताल में इलाज के बाद वह भला-चंगा हो जाता है।
सन 2010 में महाराष्ट्र के बुलढाणा जिले के बडगांव में रहने वाले 29 वर्षीय शुजात पिता नियामत को पहली बार सांप ने काटा था। तब वह तडवी गांव के सुपडू पटेल के खेत में मजदूरी करने गया था। उस समय लोगों ने उसे जिला अस्पताल पहुंचाया और झाड़-फूंक भी किया गया। इसके बाद वह ठीक हो गया और परिवार वाले इस घटना को भूल गए। इस घटना के ठीक एक साल बाद नागपंचमी के 15 दिन पहले शुजात घर में काम कर रहा था तब उसे फिर सांप ने डंस लिया और वह बेहोश हो गया।
सांप के डंसने का यह सिलसिला यहीं खत्म नहीं हुआ। गांव के माधव पटेल के खेत में मजदूरी करने के दौरान शुजात को तीसरी बार सांप ने डंसा। यह घटना भी नागपंचमी से कुछ दिन पूर्व घटी।
लगातार सांप के डंसे जाने से परिवार वाले परेशान हो गए। लोग तरह-तरह की बातें करने लगे। इससे घबराकर शुजात गांव छोड़कर अपने ससुराल बुरहानपुर जिले के भावसा गांव आकर रहने लगा। यहां आने के बाद उसने राहत की सांस ली, लेकिन नागपंचमी के 15 दिन पूर्व ही उसे फिर से सांप ने डंस लिया। इस बार वह भावसा के बाडु पटेल के खेत में काम कर रहा था। उसे जिला अस्पताल लाया गया और साथ ही झाड़-फूंक का सहारा भी लिया। यह सिलसिला जारी रहा और अब तक उसे छह बार सांप ने काट लिया।
शुजात के परिवार को इस बात की आदत सी पड़ गई है। हालांकि उसकी पत्नी हमीदा को हर साल इसका डर सताता रहता है कि फिर कहीं सांप शुजात पर हमला न कर दे। उसके दो बच्चे हैं। बड़ा बेटा सरफराज 15 साल और बेटी सोनल 12 साल की है। हमीदा ने बताया, सांप का हर साल डंसना हमें समझ नहीं आ रहा।