वेल्लोर। वानियमबाड़ी के पास एक ऐसा रेस्तरां है, जहां खाने के बाद लोग केवल ‘हैलो’ बोलते हैं और बिना पैसा दिए चले जाते हैं। यहां रेस्तरां के मालिक कभी ग्राहकों से पैसा नहीं मांगते हैं। ‘येलागिरि’ नाम के इस रेस्तरां में गरीबों को मुफ्त में खाना खिलाया जाता है। इसमें रोज सुबह 8 से 11 बजे के बीच लगभग 100 बुजुर्ग और दिव्यांग गरीबों को खाना खिलाया जाता है। इसके अलावा यह रेस्तरां गरीब बच्चों के लिए दूध का भी प्रबंध करता है और हर सप्ताह बच्चों को पेन, पेंसिल भी देता है। इस रेस्तरां में छात्रों को 50 प्रतिशत छूट दी जाती है।
‘जीवन सिर्फ पैसा कमाने के लिए नहीं’
होटेल के मालिक नागराज से उनके इस काम के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि जीवन केवल पैसा कमाने के लिए नहीं है। पैसा जीवन जीने के लिए जरूरी है। नागराज पिछले 25 साल से ये सेवाएं दे रहे हैं। जोलारपेट्टाई रेलवे जंक्शन, तमिलनाडु और कर्नाटक, आंध्रप्रदेश को जोड़ने वाला एक प्रमुख जंक्शन है। बड़ी संख्या में लोग आपने परिवार के बुजुर्गों और मानसिक रूप से बीमार परिवार के सदस्यों को यहां छोड़ जाते हैं। यहां हर महीने लगभग 15 लोग छोड़े जाते हैं, जो इधर-उधर भटकते रहते हैं।
कई बार होता है आर्थिक नुकसान
नागराज की पत्नी भी इस काम में उनका सहयोग करती हैं। उन्होंने बताया कि इस काम में उन्हें आर्थिक रूप से नुकसान भी होता है लेकिन वह अपने खाने की गुणवत्ता में किसी तरह का समझौता नहीं करते हैं। वह लोगों को खाना खिलाकर अपने आपको सौभाग्यशाली मानते हैं। नागराज ने कहा कि मुझे इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे लोग कौन और क्या हैं। आखिर में हम सभी एक इंसान हैं। मैं प्रार्थना करता हूं ऐसे लोगों की सेवा मैं करता रहूं।