बैंकॉक। थाईलैंड में रहने वाली हथिनी मोशा सिर्फ सात महीने की थी, जब उसका पैर एक बारूदी सुरंग पर पड़ गया। इस हादसे में मोशा का पैर चला गया। यह घटना 10 साल पहले की है। उस वाकए में मोशा को बहुत चोट आई थी। बाद में मोशा के साथी मोतोला का पांव भी एक लैंड माइन विस्फोट में चला गया था। बहरहाल लामपांग प्रांत की एशियन एलिफैंट फाउंडेशन नाम की एक संस्था मोशा को अस्पताल लेकर गई। मोशा और मोतोला दोनों ही अपने प्रोस्थेटिक लेग्ज की मदद से आराम से चल-फिर सकते हैं।
हादसे के दो साल बाद लगा था पहला पैर
घटना के दो साल बाद मोशा को एक नया पैर मिला। उसे नकली पैर लगाया गया। इस पैर से मोशा को कितनी सहूलियत और आराम मिला होगा, इसका अंदाजा हम शायद ही लगा पाएंगे। फिर जैसे-जैसे मोशा बड़ी होती गई, उसका कद और वजन भी बढ़ता गया। ऐसे में उसे नए साइज के पांव की जरूरत थी, जो उसका वजन सह सके, इसीलिए समय-समय पर उसके कद और वजन का ख्याल रखते हुए उसे नए पैर लगाए जाते रहे। हाल ही में उसे नौवां कृत्रिम पैर लगाया गया।
थाई-म्यांमार सीमा पर हैं बारूदी सुरंगें
थाई-म्यांमार सीमा पर कई बारूदी सुरंग बिछी हैं। म्यांमार की सेना और अल्पसंख्यक समुदायों के बीच की झड़प में दोनों तरफ के लोग एक-दूसरे को मारने और नुकसान पहुंचाने के लिए बारूद बिछाते हैं। हालांकि मोशा का इस सबसे कुछ लेना-देना नहीं, लेकिन फिर भी बारूद ने उसका पैर छीन लिया।