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यहां शव को खुद ही काट-काटकर गिद्धों को खिलाते हैं

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 18 2016 10:15AM | Updated Date: Jun 18 2016 10:15AM
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बीजिंग। तिब्बत की लारूंग वैली में रहने वाले एक अजीबोगरीब प्रथा निभाते हैं। इस अनोखी प्रथा के अंतर्गत बौद्ध भिक्षु और भिक्षुणी किसी के मरने के बाद उसके शव को खुद काटकर गिद्धों को खिलाते हैं। खुले आसमान के नीचे निभाई जाने वाली यह प्रथा तिब्बत, किंगघई और मंगोलिया में बहुत सालों से चली आ रही है। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक शव को गिद्धों को खिलाने के लिए काटते वक्त उनके रिश्तेदार भी मौजूद रहते हैं। शव को इस तरह काटकर गिद्धों को खिलाने के पीछे भिक्षुओं का मानना है कि इससे मृतक को जन्नत मिलती है।
 
ऐसी है धार्मिक मान्यता
इस मान्यता को मानने वाले कहते हैं कि गिद्ध शरीर की आत्मा को जन्नत तक लेकर जाते हैं और फिर वहां से उन्हें अगला जन्म मिलता है। तिब्बतियों की मान्यता है कि अगर कोई भी इस प्रथा को नहीं निभाता है, तो मृत शरीर की आत्मा को शांति नहीं मिलती है। 
 
अन्य लोगों के प्रवेश पर पाबंदी
इस प्रथा को अंजाम देते समय कोई भी पर्यटक या अंजान व्यक्ति तिब्बितयों के पास नहीं जा सकता है। यही वजह है कि इसके बारे में लोगों के पास थोड़ी बहुत जानकारी के अलावा ज्यादा कुछ मौजूद नहीं है। 
 
संकट में है लारूंग वैली
इस प्रथा को कई दशक बीत जाने के बाद अब चीनी सरकार लारूंग वैली में बने हजारों घरों को गिरवाने जा रही है। एक ऑर्डर के मुताबित चीनी सरकार यहां रहने वाले चालीस हजार से भी ज्यादा बौद्ध भिक्षुओं और ननों को पांच हजार तक सीमित करना चाह रही है।
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