मुंबई। मुंबई में रहने वाली 43 वर्षीय एक गृहणी और उसकी 16 वर्षीय बेटी ने दसवीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने में सफलता प्राप्त की है। मार्च में माध्यमिक स्कूल प्रमाण पत्र (दसवीं कक्षा) की परीक्षा में पहली बार शामिल हुर्इं दो बेटियों की मां सरिता जगाडेÞ ने 44 प्रतिशत अंक हासिल किए, जबकि उसकी बेटी श्रुतिका ने 69 प्रतिशत अंक हासिल किए। परीक्षा के परिणाम सोमवार को घोषित किए गए।
पिता के देहांत के बाद छोड़ दिया था स्कूल
शिवड़ी में वागेश्वरी नगर की निवासी सरिता ने वित्तीय बाधाओं के चलते चौथी कक्षा के बाद स्कूल जाना छोड़ दिया था। उन्होंने कहा, मैं अपनी पढ़ाई पूरी नहीं कर सकी थी। जब मेरे पिता का देहांत हुआ, उस समय मैं चौथी कक्षा में थी। हम चार बहनें हैं और हमारा एक भाई है। बहनों को घर चलाने के लिए पैसा कमाने में लगना पड़ा। कर अपीलीय न्यायाधिकरण में काम करने वाले उसके पति विश्वनाथ ने जब उसे पढ़ाई जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया तो सरिता ने कक्षा आठ में दाखिला लिया और रात्रि की पाली में पढ़ाई करनी शुरू की। सरिता ने कहा, करीब 35 साल बाद दोबारा स्कूल जाने को लेकर शुरआत में मुझे डर लगा, लेकिन मेरे पति ने मुझे प्रोत्साहित किया। कुछ ही दिनों के भीतर मुझे अच्छा लगने लगा।
परीक्षा हॉल में अजीब नजरों से देखते थे लोग
सरिता की बड़ी बेटी क्षितिजा भी उच्चतर माध्यमिक शिक्षा की परीक्षा में शामिल हुई और उसने 48 प्रतिशत अंक हासिल किए। इन तीनों ने साथ मिलकर पढ़ाई की और परीक्षा के कार्यक्रमों के मुताबिक घर का काम मिल बांटकर किया। इन तीनों ने अलग-अलग परीक्षा केंद्रों में परीक्षा दी। सरिता ने कहा, चूंकि परीक्षा हॉल में मैं सबसे अधिक उम्रदराज थी, इसलिए हर कोई मुझे अजीब नजरों से देखता और मैंने महसूस किया कि परीक्षा हॉल में मेरे जैसे लोग दिखाई देना उनके लिए असामान्य है।