नई दिल्ली। क्या आपको पता है कि एडोल्फ हिटलर ने 1930 में पटियाला के महाराजा भूपिन्दर सिंह को जो दुर्लभ मेबैक कार उपहार में दी थी, वह बिना पैसे के लेनदेन के कैसे दूसरे हाथों में चली गई और अंतत: विंटेज कारों का संग्रह करने वाले एक व्यक्ति के पास पहुंच गई। इसी तरह, बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि यहां स्थित पटियाला हाउस में एक ऐतिहासिक बैठक हुई थी
जिसमें हर चार साल में एशियाई खेल आयोजित करने का निर्णय किया गया और पहला एशियाई खेल राष्ट्रीय राजधानी में 1951 में हुआ। लेखक सुमंत के. भौमिक द्वारा लिखित और नियोगी बुक्स द्वारा प्रकाशित पुस्तक ‘‘प्रिंसली पैलेसेज इन न्यू डेल्ही’’ में महलों से जुड़ी ऐसी कई कहानियां हैं जिनसे लोग अनजान हैं।
ये महल नई दिल्ली के शहरी क्षेत्र का एक आंतरिक हिस्सा रहे हैं। पटियाला हाउस में 1957 की एक घटना का जिक्र करते हुए लेखक ने लिखा है 1935 में जर्मनी में एक बैठक के बाद एडोल्फ हिटलर द्वारा महाराजा भूपिन्दर सिंह को उपहार में दी गई दुर्लभ मेबैक कार गुम हो गई। यह कार दुनिया में खास तौर पर बनाई गई केवल छह कारों में से एक थी और इनमें से आखिरी कार पटियाला में मोतीबाग पैलेस में गैराज में बेकार पड़ी रही।