ताशकंद। उज्बेकिस्तान के एक शहर में स्कूल टीचरों को नकदी की जगह वेतन के रूप में मुर्गी के चूजे दिए गए। एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कैरेकलपाकस्तान रिपब्लिक में अधिकारी देश के बैंकों में पैसे की कमी की वजह से अंडे से ताजा निकले चूजों को बांट रहे हैं। एक शिक्षक ने इस फैसले को शर्मनाक बताया है।
उन्होंने कहा कि बीते साल इन्होंने हमें आलू, गाजर और कद्दू का वेतन दिया। इस साल ये हम पर वेतन के बदले चूजों को लेने के लिए दबाव बना रहे हैं। अगर हमें चिकन की जरूरत होती है तो हम इसे बाजार से काफी कम कीमत पर खरीद सकते हैं। एक अन्य सूत्र ने बताया कि सैलेरी के लिए एक चूजे को सात हजार सोम (उज्बेकिस्तान की मुद्रा) मतलब ढाई डॉलर के बराबर माना गया, जो बाजार में इसकी कीमत से दोगुना है।
मीडिया से बात करने पर पाबंदी
उज्बेकिस्तान की सरकार मीडिया पर सख्त नियंत्रण रखती है और जो नागरिक विदेशी मीडिया से बात करते हैं, वो पहचान छिपाकर ही बात करते हैं। उज्बेकिस्तान कई वर्षों से नकदी की कमी की समस्या से जूझ रहा है, जो सैलेरी और पेंशन भुगतान में काफी अधिक देरी का कारण है।
लोगों में विरोध, भ्रष्टाचार का आरोप
रेडियो ओजोडलिक कहानी पर जिन उजबेकों ने टिप्पणी की। उनमें से एक व्यक्ति ने कहा कि ये सरकार की ओर से की गई शर्मनाक करतूत है और भ्रष्ट नौकरशाही का संकेत है। हालांकि एक अन्य ने मजाकिया लहजे में कहा कि आखिर इसमें गलत क्या है? आप नाश्ते में चिकन सूप लेते हैं, तला हुआ चिकन लंच के लिए और चिकन डिनर के लिए, इसमे कम से कम कई विटामिन्स तो हैं।