मनीला। फिलिप्पींस के तटीय इलाके में दो मछुआरों को एक आधी डूबी याट खोजी है, जिसमें जर्मनी के साहसिक नाविक मैनफ्रेड फ्रिट्ज बैजोरैट (59) का शव पाया गया है। शव पूरी तरह ममी में तब्दील हो चुका है। ममी याट के रेडियो टेलिफोन के पास एक कुर्सी में बैठी हुई पाई गई है, मानो बैजोरैट अपना जीवन बचाने के लिए अंतिम कॉल करने गए हों।
माना जा रहा है कि सूखी-नमकीन समुद्री हवा और तेज तापमान ने बैजोरैट की लाश को ममी के तौर पर संरक्षित रखा है। याट से एक पत्र और कुछ पुराने पारिवारिक फोटो मिले हैं। पत्र में बैजोरैट ने अपनी पत्नी क्लाउडिया को 32 शब्दों के एक छोटे से नोट में याद किया है। क्लाउडिया का 53 साल की उम्र में 2 मई 2010 को कैंसर की बीमारी के चलते निधन हो गया था।
ये लिखा है पत्र में
बैजोरेट ने क्लाउडिया को याद करते हुए लिखा है, ‘तीस साल तक हम दोनों एक ही राह पर साथ-साथ चलते रहे। फिर अचानक शैतान की शक्ति हमारे साथ रहने की इच्छा पर भारी पड़ गई। अब तुम जा चुकी हो। तुम्हारी आत्मा को शांति नसीब हो... तुम्हारा मैनफ्रेड..!’ बैजोरैट ने यह नोट इंटरनेट पर नाविकों के एक फोरम पर भी पोस्ट किए थे।
ऐसे मिली सागर में डूबी याट
23 साल का क्रिस्टोफर रिवास फिलिपींस के पोब्लासिओन में रहता है। वह अपने दोस्त के साथ तट से 64 किलोमीटर दूर मछली मारने गया था, तभी उसे सायो नामक 40 फुट लंबी याट नजर आई। सफेद रंग की याट पानी में आधी डूबी थी। उसका मस्तूल टूट चुका था। अंदर केबिन में फैमिली फोटो एलबम और बैजोरैट के इस्तेमाल की वस्तुएं मिलीं। अधिकारियों को इसकी जानकारी दी गई। याट को बाहर खींचा गया। उसमें रखे दस्तावेजों से मैनफ्रेड फ्रिट्ज बैजोरैट की पूरी पहचान, नागरिकता आदि स्थापित हुई।
नहीं पता चला... कब हुई मौत
बैजोरैट अपनी याट पर बीस साल पहले जर्मनी से विश्व परिक्रमा करने निकले थे। उनके साथ क्लाउडिया भी थी। भ्रमण के दौरान ही साल 2008 में दोनों का अलगाव हो गया। क्लाउडिया जर्मनी लौट गई। बाद में उसे कैंसर हो गया और 2010 में मौत हो गई। फिलिप्पीनी अधिकारियों की अभी तक की जांच से यह पता नहीं चल पाया है कि बैजोरैट कब तक जीवित थे। जांच में याट के खिलाफ कोई आपराधिक हरकत किए जाने के संकेत नहीं मिले हैं।
एक साल पहले फेसबुक पर किया था कमेंट
जांच के दौरान एक व्यक्ति ने बताया कि एक साल पहले बैजोरैट के जन्मदिन पर उसने अंतिम बार फेसबुक पर उसका कमेंट देखा था। फॉरेंसिक क्रिमिनोलॉजिस्ट डॉ. मार्क बेनेक बताते हैं कि जिस तरह से बैजोरैट मृत पाए गए हैं, उससे आभास होता है कि उनकी मौत पूरी तरह अचानक हुई... संभवत: दिल का दौरा पड़ने से।
कई महासागर किए थे पार
मैनफ्रेड फ्रिट्ज बैजोरैट एक माहिर नाविक थे। गुजरे बीस वर्षों में उन्होंने अटलांटिक महासागर, प्रशांत महासागर, कैरेबियन सागर, हिंद महासागर, भूमध्य सागर और एजियन सागर को पार किया था। उम्मीद है जांचकर्ता जल्द ही पता लगा लेंगे कि उनकी मौत कैसे हुई।