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बाइक पर पिता के सपने को पूरा करने निकली जेनिथ

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Feb 15 2016 11:25AM | Updated Date: Feb 15 2016 11:25AM
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लाहौर। जेनिथ इरफान के पिता का सपना था कि वह मोटरसाइकिल पर सवार होकर पूरी दुनिया की सैर करें, लेकिन काल के क्रूर पंजों ने उनके इस सपने को पूरा नहीं होने दिया। इसके बाद उनकी बड़ी बेटी जेनिथ इरफान ने फैसला किया कि वह पिता के सपने को पूरा करेगी।


पाकिस्तान में किसी युवती के लिए ऐसे सपने को पूरा करना आसान नहीं था, लेकिन जेनिथ ने किसी की चिंता नहीं की। लाहौर की 21 साल जेनिथ पिछले दो सालों में एक निडर बाइकर के रूप में उभरी हैं। रूढ़िवादी पाकिस्तान में जेनिथ ने तमाम वर्जनाओं को धता बताते हुए अपनी बाइक पर सवार होकर पूरे देश की यात्रा की है।

साल 2013 में जब जेनिथ के छोटे भाई ने 70सीसी की एक बाइक खरीदी तो मां ने बेटी को भी ड्राइविंग सीखने को कहा। मां भी चाहती थी कि बेटी उनके पति और अपने पिता के सपनों को पूरा करे।

दुनियाभर में चर्चे हैं बेखौफ पाकिस्तानी लड़की के
पिछली साल जून महीने में जेनिथ ने बाइक से अकेले पाकिस्तानी कश्मीर जाने के फैसला किया। यहां भारत और चीन की सीमा लगती है। जेनिथ कहती है, ‘मैं इसलिए कश्मीर जाना चाहती थी क्योंकि उसके बारे में बहुत सुना था। लोग कहते थे कि कश्मीर जन्नत-ए-नजीर है। मैं नहीं चाहती थी कि कश्मीर को तस्वीरों में देखूं। मैं चाहती थी कि खुद बाइक से जाऊं और अपना अनुभव लूं।

जेनिथ ने पहली यात्रा इस्लामाबाद की की। इसके बाद शुरू हुआ पहाड़ों, नदियों से होते इस्लामाबाद के बाहरी इलाके मरी का खूबसूरत सफर। मुरी पश्चिमी हिमालय की तलहटी पर दक्षिणी ढलानों में स्थित है। यहां से वह मुजफ्फराबाद गईं। इसके बाद वह बेहद खूबसूरत नीलम घाटी के जंगलों से गुजरी।

चीनी सीमा पर खुनजेराब तक गर्इं
बाइक के पहले लंबे सफर की सफलता के बाद जेनिथ ने अगस्त 2015 में लाहौर से होते हुए उत्तरी पाकिस्तान के जरिए चीन की सीमा से लगते हुए खुनजेराब पास जाने का फैसला किया। इसकी कुल दूरी 3,200 किलोमीटर है। यहां आने के बाद उसे काफी खुशी मिली। विदेशी महिला राइडर्स तो वहां पहले भी जाती रही हैं, लेकिन जेनिथ पहली पाकिस्तानी महिला बाइकर थी, जो वहां पहुंचने में कामयाब रही।

करीब 20 दिनों की इस यात्रा में इरफान देवसाई मैदानों में भी गईं। यह दुनिया के सबसे उच्चतम पठारों में से एक है, और जहां भूस्खलन की आशंका हमेशा बनी रहती है। जेनिथ कहती हैं, ‘इन सबके बावजूद मैं डरी नहीं। मुझे मौत से डर नहीं लगता। यदि मौत आना है तो यह अपने घर में भी आ सकती है।

 

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