गिरिडीह। अब तो दिवंगत लोगों के नाम पर बिजली विभाग बिल भेजा रहा है। जो इंसान दुनिया में ही नहीं, उसका बिल भी बिजली विभाग जारी कर रहा है। यह बिजली विभाग की घोर लापरवाही नहीं है तो क्या है। बिजली विभाग की ओर से दिवंगत लोगों के नाम से बिल जारी करने का कारनामा का कोई नया नहीं है, लेकिन इस बार तो हद हो गई। जिला मुख्यालय में बीते चार दशक से संचालित सर जेसी बोस स्मारक जिला साइंस सेंटर का बिजली बिल महान वैज्ञानिक जेसी बोस के नाम से जारी कर दिया गया।
मामला सामने आने के बाद विभाग ने झारखंड बिजली वितरण निगम के सहायक अभियंता को जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश जारी किया है। आपको बता दें कि सर जेसी बोस के पैतृक आवास में साइंस सेंटर चलता है। पूर्व में इसकी देखरेख का जिम्मा बिहार काउंसिल ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (बीसीएसटी) के जिम्मे था। झारखंड अलग राज्य बनने के बाद राज्य सरकार ने इसकी देनदारी से पल्लू झाड़ लिया।
2003 तक बिजली बिल बढक़र एक लाख रुपए से अधिक हो गया। यह बिल साइंस सेंटर का है लेकिन विभाग की ओर से जेसी बोस के नाम से विपत्र जारी कर दिया गया। 1937 में जेसी बोस के निधन के लंबे समय के बाद उनके नाम से बिल निर्गत होना कौतूहल का विषय बना हुआ है।
बोस का 80 वर्ष पूर्व निधन हो चुका है। बिल चुकता न किए जाने पर उन पर डिफॉल्टर होने का मामला भी चलाने की चेतावनी दी गई है। बिल 1,01,816.12 रुपए का है। विभाग ने यह बिल सर जे. सी. बोस मेमोरियल डिस्ट्रिक्ट साइंस सेंटर के पते पर भेजा है। यह बिल 1970 से वर्ष 2003 के बीच की अवधि का है। बोस का निधन गिरिडीह में 1937 में ही हो गया था।