कोलकाता। मौलाना और उनके समर्थकों ने कोलकाता के एक मदरसे के हेडमास्टर को सिर्फ इस बात के लिए मारा-पीटा कि क्योंकि उन्होंने बच्चों से राष्ट्रगान गाने के लिए कहा था। सरकारी सहायता प्राप्त इस मदरसे में हुई घटना के बाद लोगों का आरोप है कि शिक्षक ने धार्मिक भावनाओं को आहत करने का प्रयास किया है।
काजी मासूम अख्तर, कोलकाता के तलपुकुर मदरसे के हेडमास्टर हैं। दरअसल मदरसे के प्रिंसिपल काजी मासूम अख्तर गणतंत्र दिवस को देखते हुए बच्चों को राष्ट्रगान कार्यक्रम की तैयारी करा रहे थे। इसी के तहत वो जन गण मन सिखा रहे थे। इसी के बाद मौलाना और उनके समर्थकों ने अख्तर को बुरी तरह पीटा। मौलवियों का कहना है कि राष्ट्रगान अपवित्र करने वाला और हिंदुवादी गीत है। अख्तर के खिलाफ फतवा भी जारी किया गया। इससे पहले 2015 में भी भीड़ ने अख्तर की पिटाई की थी। तब मामला धार्मिक चिन्हो से जुड़ा हुआ था।
काजी ने अपनी सुरक्षा के लिए राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और राज्य अल्पसंख्यक कमीशन के चेयरमैन को छह बार गुहार लगाई लेकिन उन्हें अभी तक उन्हें सुरक्षा देने का कोई आश्वासन नहीं दिया गया है। वहीं मौलवी ने अख्तर के खिलाफ फतवा जारी किया है, जिसमें यह कहा गया है कि राष्ट्र गान एक हिंदुवादी गीत है।
आपको बताते चलें कि अख्तर को मार्च में भी आयरन रोड से पीटा गया था। फतवा के अनुसार अगर वह कुर्ता-पायजामा और बढ़ी हुई दाढ़ी के साथ मदरसा नहीं जाएंगे तो उन्हें वहां प्रवेश नहीं मिलेगा। अख्तर को मदरसे के मौलान ने यह भी कहा है कि हर सप्ताह वह अपनी फोटो भेजें ताकि उनके दाढ़ी की लंबाई की जांच की जा सके। इसके लिए कोलकाता पुलिस कमीश्नर ने अल्पसंख्यक आयोग को लिखा है कि वह सांप्रदायिक तनाव को देखते हुए इस स्थिति में नहीं है कि अख्तर को सुरक्षा दे सकें।