रामेश्वरम। श्रीलंका की नौसेना ने भारतीय मछुआरों की नौकाओं को डूबाने के विरोध में शनिवार को रामेश्वरम में मछुआरों ने दिन भर हड़ताल किया। इस दौरान रामेश्वरम सेतु में सन्नाटा पसरा रहा क्योंकि यहां के चार हजार मछुआरे सेतु के आसपास मछली पकड़ने के लिए नहीं आये और 800 से अधिक यात्रिकी नौकाएं सांकेतिक हड़ताल के मद्देनजर सेतु के पास लंगर डाले देखी गई। रामेश्वरम यांत्रिकी नाव मछुआरे एसोसिएशन के अध्यक्ष एन जे बोस ने संवाददाताओं से बातचीत में कहा विभिन्न मछुआर समितियों के नेताओं के साथ बैठक के मद्देनजर एक दिन की सांकेतिक हड़ताल की गई।
उन्होंने कहा कि श्रीलंकाई नौसेना ने गुरुवार को रामेश्वरम के वेलयुथम के स्वामित्व वाले मछली पकड़ने वाली नौकाओं को पकड़ने के लिए अपने फास्ट अटैक क्राफ्ट को लगाया था। नौकाओं को भारी नुकसान पहुंचाया गया और कटचाथीवू द्वीपसमूह के समुद्र में नौकाओं को डूबो दिया।
उन्होंने कई अन्य भारतीय मछली पकड़ने वाली नौकाओं पर भी हमला किया और उनके लाखों की कीमत वाले जालों को भी नष्ट कर दिया। बोस ने कहा केन्द्र सरकार को निर्दोष भारतीय मुछआरों पर श्रीलंका की नौसेना की कार्रवाई की कड़ी निंदा करनी चाहिये और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने चाहिये। केंद्र को मछुआरों की नावों को हुए नुकसान की भी क्षतिपूर्ति करनी चाहिए और श्रीलंका की हिरासत से कैद किए गए सभी मछुआरों को तुरंत रिहा करवाना चाहिए।