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भगोड़े आर्थिक अपराधियों पर कसेगी नकेल, G-20 में नौ सूत्रीय एजेंडा पेश

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Dec 1 2018 3:05PM | Updated Date: Dec 1 2018 3:05PM
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ब्यूनस आयर्स। हाल में भारतीय बैंकों को हजारों करोड़ का चूना लगाकर विदेश भागने वाले आर्थिक अपराधियों पर केंद्र सरकार ने लगाम कसने की तैयारी शुरू कर दी। ऐसे अपराधों को रोकने के साथ ही भगोड़े आर्थिक अपराधियों को कानून के कठघरे में लाने के लिए प्रधानमंत्री ने जी-20 देशों के साथ मिलकर एक ठोस पहल की है। भारत ने भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने, उनकी पहचान, प्रत्यर्पण और उनकी संपत्तियों को जब्त करने के लिए जी-20 देशों से एक मजबूत और सक्रिय सहयोग मांगा है।  
 
अंतरराष्ट्रीय व्यापार, अंतरराष्ट्रीय वित्त और कर प्रणाली पर जी-20 शिखर सम्मेलन के दूसरे सत्र में आर्थिक अपराधियों के खिलाफ 9 सूत्रीय अजेंडा पेश करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भगोड़े आर्थिक अपराधियों को प्रवेश देने और सुरक्षित पनाहगाह पाने से रोकने के लिए सदस्य देशों द्वारा संयुक्त प्रयास से एक तंत्र व प्रक्रिया बनाने की आवश्यकता है। प्रधानमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि जी-20 फोरम को अपने देश में लिए गए भारी कर्ज को चुकाए बिना दूसरे देशों में पनाह लेने वाले आर्थिक अपराधियों की संपत्तियों की पहचान करने के लिए काम शुरू करने पर विचार करना चाहिए। 
 
उन्होंने कहा, 'कानूनी प्रक्रियाओं में सहयोग जैसे अपराधियों की संपत्ति को जब्त करना और उनके स्वदेश प्रत्यर्पण को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।' पीएम ने कहा कि भ्रष्टाचार के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के सिद्धांतों (यूएनसीएसी) और अंतरराष्ट्रीय संगठित अपराध (यूएनओटीसी) के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र संधिपत्र, विशेष रूप से अंतरराष्ट्रीय सहयोग से संबंधित सिद्धांतों को पूरी तरह से और प्रभावी ढंग से लागू किया जाना चाहिए। 
 
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'भगोड़े आर्थिक अपराधियों की एक मानक परिभाषा तय करने का काम फाइनैंशल ऐक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) को सौंपा जाना चाहिए। एफएटीएफ को भगोड़े आर्थिक अपराधियों से निपटने को लेकर उनकी पहचान, उनका प्रत्यर्पण और उनके खिलाफ मुकदमा चलाने के लिए मानक प्रक्रियाएं तय करनी चाहिए, जिसपर सबकी सहमति हो। इससे जी-20 देशों में ऐसे मामलों से निपटने में सहायता मिलेगी। 
 
भारत ने प्रत्यर्पण के सफल मामलों, प्रत्यर्पण की मौजूदा प्रणाली में खामी और कानूनी सहायता इत्यादि को लेकर अनुभवों को साझा करने के लिए एक साझा प्लेटफॉर्म बनाने की भी वकालत की है।' साथ ही, यह भी कहा गया है कि जी-20 फोरम को भगोड़े आर्थिक अपराधियों की संपत्तियों का पता लगाने पर विचार करने का काम शुरू करना चाहिए। 
 
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