टैंपा। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का ग्रहों की खोज करने वाला केपलर स्पेस टेलिस्कोप मिशन समाप्त हो गया है। यह दूरबीन नौ साल की सेवा के बाद रिटायर होने वाला है। वैज्ञानिकों ने बताया है कि 2600 ग्रहों की खोज में मदद करने वाले केपलर दूरबीन का ईंधन खत्म हो गया है इसलिए उसे रिटायर किया जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि 2009 में स्थापित इस दूरबीन ने अरबों छुपे हुए ग्रहों से हमें अवगत कराया और ब्रह्मांड की हमारी समझ को बेहतर बनाया।
नासा की ओर से जारी बयान के अनुसार, केपलर ने दिखाया कि रात में आकाश में दिखने वाले 20 से 50 प्रतिशत तारों के सौरमंडल में पृथ्वी के आकार के ग्रह हैं और वे अपने तारों के रहने योग्य क्षेत्र के भीतर स्थित हैं। इसका मतलब है कि वे अपने तारों से इतनी दूरी पर स्थित हैं, जहां इन ग्रहों पर जीवन के लिए सबसे महत्वपूर्ण पानी के होने की संभावना है।
दो हफ्ते पहले मिले ईंधन खत्म होने के संकेत
नासा के एस्ट्रोफिजिक्स विभाग के निदेशक पॉल हर्ट्ज का कहना है कि केपलर का जाना कोई अनपेक्षित नहीं था। केपलर का ईंधन खत्म होने के संकेत करीब दो सप्ताह पहले ही मिले थे। उसका ईंधन पूरी तरह से खत्म होने से पहले ही वैज्ञानिक उसके पास मौजूद सारा डेटा एकत्र करने में सफल रहे। नासा का कहना है कि फिलहाल केपलर धरती से दूर सुरक्षित कक्षा में है। नासा केपलर के ट्विटर हैंडल से इसके बारे में जानकारी देते हुए ट्वीट भी किया गया। इसके मुताबिक यह टेलिस्कोप 9.6 साल स्पेस में रहा। उसने 530506 तारों का अवलोकन किया, जिसमें से 2663 ग्रहों की पुष्टि की गई।