माले। मालदीव के मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन अब्दुल गयून राष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया को चुनौती देते हुए किए गए केस को सुप्रीम कोर्ट में हार गए हैं। इसके साथ ही चुनाव परिणाम वैध घोषित हो गया है। उन्होंने अपनी याचिका में चुनाव आयोग पर मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ का आरोप लगाया था।
उनका आरोप था कि मतपत्र में गायब हो जाने वाली स्याही का इस्तेमाल किया गया जिससे उनका नाम मतपत्र से मिट गया। सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की पीठ ने रविवार को सर्वसम्मति से कहा कि मतपत्रों के साथ छेड़छाड़ और चुनावी धांधली को लेकर लगाए गए आरोपों पर राष्ट्रपति यामीन सबूत पेश करने में नाकाम रहे। 23 सितंबर को हुए चुनाव में वह अपने प्रतिद्वंद्वी इब्राहिम मोहम्मद सोलिह से 16 प्रतिशत वोट से पिछड़ गए थे।