इस्लामाबद। पाकिस्तान की राष्ट्रीय जवाबदेही अदालत ने 14 अरब की आवास योजना आशियाना-ए-इकबाल में भ्रष्टाचार के आरोप में राष्ट्रीय संसद में विपक्ष के नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ को 10 दिनों के लिए राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो की हिरासत में भेज दिया। शरीफ को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया था। उन पर आशियाना-ए-इकबाल का ठेका चौधरी लतीफ एंड सन्स की बोली को रद्द करके लाहौर कासा डेवलपर्स को दे दिये जाने का आरोप है।
लाहौर कासा डेवलपर्स, पैरागोन सिटी प्राइवेट लिमिटेड समूह की एक कंपनी है। इससे लगभग 19.3 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है। इस बीच पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने भ्रष्टाचार के मामलों में और गिरफ्तारियां किये जाने के संकेत देते हुुए कहा है कि राष्ट्रीय संसद में विपक्ष के नेता एवं पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के भाई शाहबाज शरीफ की गिरफ्तारी इस दिशा में पहला कदम है।
संसद का सत्र बुलाने
की मांगचौदह अरब रुपये की आवास योजना आशियाना-ए-इकबाल में भ्रष्टाचार के आरोप में राष्ट्रीय संसद में विपक्ष के नेता शाहबाज शरीफ की गिरफ्तारी का विपक्ष ने विरोध करते हुए संसद का सत्र बुलाने की मांग की है। विपक्षी दलों के नेताओं का शनिवार को एक प्रतिनिधिमंडल राष्ट्रीय संसद अध्यक्ष असद कौसर से उनके निवास स्थान पर मिला और शाहबाज शरीफ की गिरफ्तारी के मामले पर संसद का सत्र बुलाने का अनुरोध किया।
'उपचुनाव को रोकने की साजिश'
प्रतिनिधिमंडल ने मुलाकात के बाद मीडिया से कहा कि कौसर ने 14 दिन के भीतर संसद सत्र बुलाने का आश्वासन दिया है। मीडिया से बातचीत में सादिक ने आगामी उपचुनाव से शाहबाज की गिरफ्तारी को जोड़ते हुए कहा कि यह उपचुनाव को रोकने का प्रयास है। उन्होंने कहा, 'यह उपचुनाव को रोकने का प्रयास है। सरकार के पास बहुमत से केवल चार सदस्य अधिक हैं। शाहबाज को साफ पानी मामले में बुलाया गया लेकिन उन्हें आशियाना मामले में गिरफ्तार कर लिया गया। पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) को राजनीतिक द्वेष से निशाना बनाया जा रहा है। सरकार एनएबी का इस्तेमाल कर रही है।