इस्लामाबाद। पाकिस्तान में विपक्षी दलों ने प्रधानमंत्री इमरान खान की भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से द्विपक्षीय वार्ता करने के प्रस्ताव को लेकर कड़ी आलोचना की है। डॉन अखबार के अनुसार जमैत उलेमा-आई-इस्लाम-फजल के सीनेटर अब्दुल गफूर हैदरी ने सवाल उठाते हुए कहा कि संसद को विश्वास में लिए बिना कोई एक व्यक्ति भारत के साथ बातचीत का प्रस्ताव कैसे कर सकता है। सीनेट के पूर्व अध्यक्ष एवं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के मियां रजा रब्बानी ने कहा कि कश्मीर में हिंसा बढ़ रही है,
ऐसे में भारत के साथ बातचीत का प्रस्ताव 'समझ से परे' है। सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि श्री खान का भारतीय प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र उनके भेजे गये खत का जवाब था। पाकिस्तान भारत के साथ कश्मीर मुद्दे सहित सभी द्विपक्षीय विवादों का समाधान निकालना चाहता है। चौधरी ने कहा कि श्री खान का मानना है कि इस क्षेत्र में गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रहे लाखों लोगों को दिक्कतें दूर हों। यदि भारत के साथ संबंध सामान्य हो जाएं तो पाकिस्तान दो अंतरराष्ट्रीय बाजारों का केन्द्र बन जाएगा।