नॉक। आयरलैंड के चर्च में बच्चों के यौन शोषण और पोप फ्रांसिस के दौरे के विरोध के बीच एक बार फिर पोप ने समलैंगिकता के प्रति सहानुभूति दिखाई है। पोप की अभिभावकों के साथ हुई बैठक में पोप ने समलैंगिक बच्चों के लिए प्रार्थना करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि मनोवैज्ञानिक से प्रोफेशनल मेडिकल सलाह भी ली जा सकती है।
इससे पहले भी पूर्व में पोप फ्रांसिस एलजीबीटी समुदाय के लोगों के लिए नरम रुख अपना चुके हैं। पोप से जब पूछा गया कि बच्चों के समलैंगिक होने के बारे में पता चलने पर क्या करना चाहिए तो पोप ने कहा, 'यह संकेत बचपन से ही मिलने लगते हैं और इसके लिए बहुत कुछ है जो आप कर सकते हैं। बतौर अभिभावक आपको अपने बच्चों पर गुस्सा नहीं होना चाहिए। अपने समलैंगिक बच्चों को सजा भी नहीं देना चाहिए। समलैंगिक लोग हमेशा से रहे हैं, लेकिन बच्चे के गुमसुम या उदास रहने की हालत में उस पर ध्यान देना जरूरी है।
इसमें मनोवैज्ञानिक की भी मदद ली जा सकती है। गे भी प्रभु द्वारा बनाए गए हैं और उनके साथ भेदभाव नहीं होना चाहिए। उन्हें भी भगवान के प्यार और समर्पण से जीते जाने का पूरा हक है।' बता दें कि 2013 में पोप की पदवी लेने के बाद से ही पोप फ्रांसिस लगातार समलैंगिकों के लिए उदार रुख ही रखे हुए हैं। उन्होंने एक बार कहा भी था कि 'मैं गे समुदाय के लोगों को जज करने वाला कोई नहीं हूं। मैं इस समुदाय के लोगों के साथ हुई ज्यादतियों के लिए जरूर शमिंर्दा हूं।'