इस्लामाबाद। पाकिस्तान के आम चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी पीटीआई के अध्यक्ष इमरान खान के खिलाफ विपक्षी एक जुट होने लगे हैं। यानि पाकिस्तीनी सिसायत भी भारत की राजनीति की राह पर चलती दिखाई दे रही है। भारत में मोदी के खिलाफ विपक्षों दलों ने हाथ मिलाया तो वहीं पाकिस्तान में पीएम पद के दावेदार इमरान खान को चुनौती देने के लिए दो प्रतिद्वंद्वी पार्टियों ने हाथ मिलाने का ऐलान किया है। पीएमएल-एन और पीपीपी पार्टियां अब प्रधानमंत्री पद के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करेंगी।
हालांकि, कुछ छोटी पार्टियों के गठबंधन से इमरान खान के लिए प्रधानमंत्री के तौर पर चुने जाने के कदम पर खास फर्क नहीं पड़ेगा लेकिन इससे संसद में उनके पास सीटें जरूर कम हो जाएंगी, जिससे उनका अजेंडा पूरा होना मुश्किल होगा। इमरान खान की पार्टी ने 270 सीटों में से 116 पर जीत दर्ज की है और वह जल्द ही निर्दलीय सांसदों और कुछ छोटी पार्टियों संग गठबंधन कर सरकार गठन कर सकते हैं।
भ्रष्टाचार के आरोप में रावलपिंडी की जेल में सजा काट रहे पूर्व पीएम नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन की प्रवक्ता मरियम औरंगजेब ने कहा, 'यह ऐसा गठबंधन है जो चुनावों में हुई धांधली के खिलाफ है और जहां सभी राजनीतिक पार्टियों को निष्पक्ष तौर पर चुनाव लड़ने के एक जैसे मौके नहीं दिए गए।' पीएमएल-एन ने पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के साथ गठबंधन किया है। इस गठबंधन में कुछ और छोटी राष्ट्रवादी और धार्मिक पार्टियां हैं। इस गठबंधन को आॅल पार्टी कॉन्फ्रेंस नाम दिया गया है।