यांगून। म्यांमार में बाढ़ के कारण करीब 11 लोगों की मौत हो गई तथा 100,000 से अधिक लोग अपने घर को छोड़कर सुरक्षित जगहों पर जाने के लिए मजबूर हुए हैं। सरकारी अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि राहत एवं बचावकर्मियों ने नावों के जरिए बाढ़ में फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। आपदा प्रबंधन विभाग की सहायक निदेशक न्वाय न्वाय सोई ने बताया कि इस आपदा में तीन सैनिकों समेत 11 लोगों की मौत हुई है। राहत एवं बचाव कार्य में जुटे इन सैनिकों की पिछले सप्ताह के आखिर में लापता होने की सूचना मिली थी।
उन्होंने कहा, 'अभी तक 11 लोगों की मौत हुई है। मौजूदा समय में 119,000 लोग विस्थापित हुए हैं। आपदा प्रबंधन विभाग बाढ़ पीड़ितों को चावल तथा नूडल्स एवं डिब्बाबंद मछलियां जैसे सूखी खाद्य सामग्रियां मुहैया करा रहा है।' म्यामांर के समाज कल्याण मंत्री विन म्याट आये ने बताया कि दक्षिणी मोन राज्य में सोमवार को तीन लोग डूब गए। उन्होंने कहा, कि वे लोग पानी में बह गए थे। सरकार ने निचले क्षेत्रों में रहने वाले लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने की गुजारिश की है।
उन्होंने कहा, 'हम उन लोगों को जागरूक करने की कोशिश कर रहे हैं जो यह सोचते हैं कि बाढ़ का पानी तीन या चार दिन में कम हो जाएगा। हम उन्हें अधिक सावधान करने के लिए कह रहे हैं। म्यांमार रेड क्रॉस सोसाइटी ने कर्मचारियों को छोटी नौकाओं से लोगों को बाढ़ से सुरक्षित निकालने तथा प्राथमिक चिकित्सा किटों और जल शोधन गोलियों को वितरित करने के लिए भेजा है।
रेड क्रॉस सोसाइटी के संचार निदेशक ये विंट आंग ने कहा, 'हम असहाय लोगों को बचाने की कोशिश कर रहे हैं और हमारे पास इसकी क्षमता है।' इससे पहले वर्ष 2015 में म्यांमार में भयंकर बाढ़ आई थी जिसमें सौ लोगों मारे गए थे और 330,000 से अधिक विस्थापित हुए थे। संयुक्त राष्ट्र ने रविवार को म्यांमार के बाढ़ को 'बड़ी चिंता' करार दिया।
संरा के अनिवासी एवं मानवाधिकार मामलों के समन्वयक नट ओस्टबी ने कहा, 'संरा म्यांमार में अपने भागीदारों, संसाधनों तथा क्षमताओं को संगठित कर रहा है और म्यांमार सरकार द्वारा बाढ़ पीड़ितों की निरंतर की जा रही सहायता में सहयोग करने की पेशकश कर रहा है।