इस्लामाबाद। एक कहावत है कि वक्त हर जख्म भर देता है। पाकिस्तान में तालिबान के हाथों 11 बरस पहले जख्मी हुए भगवान बुद्ध के चेहरे के जख्म भी भर दिए गए हैं और अब यह उम्मीद जोर पकड़ने लगी है कि अफगानिस्तान के बामियान में भी खंडित हुई बुद्ध प्रतिमाओं को उनके पूर्व स्वरूप में लाने के प्रयास किए जाएंगे।
पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत की, कुदरती नजारों से भरपूर स्वात घाटी में पिछले कई बरसों से आहत महात्मा बुद्ध की पहाड़ों पर उकेरी गई प्रतिमाओं की रंगत फिर से लौट आई है और तालिबान के हाथों मिले बारूदी जख्म अब भरने लगे हैं। हालांकि मरहम लगाने वालों ने कुछ निशान बाकी छोड़े हैं ताकि शांति के मसीहा के साथ हुई वहशत को लोग भूल न जाएं।
सातवीं शताब्दी की मूर्ति
भगवान बुद्ध की सातवीं शताब्दी की मूर्ति को आतंकी संगठन तहरीक-ए-तालिबान ने 11 साल पहले सितंबर 2007 में बुरी तरह क्षतिग्रस्त कर दिया था। क्रूरता की इंतहा देखिए, कि मूर्ति के चेहरे पर छेद करके उसमें विस्फोटक भर दिया गया और करीब आधे चेहरे को उड़ा दिया गया. पत्थर की बेजान मूर्ति के साथ इस तरह की वहशत ने पूरी दुनिया को सकते में डाल दिया।