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सेना और इमरान के खिलाफ लामबंद हुआ विपक्ष

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 28 2018 11:20AM | Updated Date: Jul 28 2018 11:20AM
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान के संसदीय चुनाव में इमरान खान को भले सबसे अधिक सीट मिल गयी हो लेकिन उनकी पार्टी बहुमत से दूर है। मसलन उन्हें बहुमत जुटाने के लिए बड़ी मशक्कत करनी होगी। आपको बता दें कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है लेकिन स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने के कारण इन्हें अन्य पार्टियों से सहयोग लेना होगा, तभी इनकी सरकार बन पाएगी। ऐसे में फिलहाल पाकिस्तान में एक बार फिर से राजनीतिक अस्थिरता पैदा हो गई है। 
 
इधर पाकिस्तान की सभी राजनीतिक पार्टियों ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाया है और पीटीआई के खिलाफ उतर आए हैं, जिसके चलते किसी भी दल की सरकार बनती नहीं दिख रही है और सैन्य तख्तापलट की आशंका बढ़ गई है। पाकिस्तान के संसदीय चुनाव में पीटीआई को 272 सीटों में से 118 सीटों पर जीत मिली है। पीटीआई को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलने की वजह से उसे सरकार बनाने के लिए दूसरे दलों के समथज़्न की जरूरत है। फिलहाल कोई भी राजनीतिक दल इमरान खान को समर्थन देने को तैयार नहीं है। 
 
सभी राजनीतिक पार्टियों ने 25 जुलाई को हुए चुनाव को सिरे से खारिज करते हुए दोबारा से पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव कराने की मांग की है। इसको लेकर इन राजनीतिक दलों ने शुक्रवार को एक संयुक्त बैठक भी की। ऑल पार्टीज कॉन्फ्रेंस में कहा गया कि जब तक देश में दोबारा पारदर्शी और निष्पक्ष चुनाव नहीं कराए जाते हैं, तब तक इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के सांसदों को संसद में नहीं घुसने दिया जाएगा। संसद की कार्यवाही भी नहीं चलने दी जाएगी। 
 
इस बैठक में पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज, मुत्ताहिदा मजलिस-ए-अमल, मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट, पाक सरजमीन पार्टी, एएनपी, क्यूडब्लूपी और एनपी ने हिस्सा लिया। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक इस सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के अध्यक्ष शहबाज शरीफ और एपएपएल के अध्यक्ष मौलाना फजलुर रहमान ने की। बैठक को संबोधित करते हुए रहमान ने कहा कि हम इस चुनाव को जनादेश नहीं मानते हैं। यह लोगों के जनादेश की चोरी है। हम चोरों (पीटीआई के चुने हुए सांसदों) को संसद में घुसने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में किसी को लोकतंत्र को बंधक बनाने की इजाजत नहीं दी जाएगी।
 
इस बैठक में शामिल रही राजनीतिक पार्टियों ने यह भी फैसला लिया कि उनके चुने गए सांसद शपथ नहीं लेंगे। चुनाव में धांधली के खिलाफ आंदोलन शुरू किया जाएगा और दोबारा चुनाव कराने की मांग को लेकर सड़क पर उतरा जाएगा। विरोध प्रदर्शन शुरू करने के लिए तारीख का एक-दो दिन में ऐलान कर दिया जाएगा। बैठक को संबोधित करते हुए जेयूआई-एफ प्रमुख ने कहा कि संसद ने चुनाव कराने के लिए पाकिस्तान चुनाव आयोग को 20 अरब रुपये दिया था लेकिन इतना पैसा खर्च करने के बावजूद मुल्क में निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव नहीं कराए जा सके। चुनाव अधिकारियों को सेना ने बंधक बनाए रखा।
 
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