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पाकिस्तान में इमरान खान बना सकते हैं सरकार : सर्वे

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 24 2018 11:09AM | Updated Date: Jul 24 2018 11:11AM
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इस्लामाबाद। पाकिस्तान में बुधवार को आम चुनाव होने वाले हैं। देश में राजनीतिक पार्टियां तो बहुत हैं लेकिन चुनाव में सबसे कड़ी टक्कर सिर्फ तीन बड़ी पार्टियों के बीच मानी जा रही है। पड़ोसी देश होने के नाते पाकिस्तान में किस पार्टी की सरकार बनेगी यह जानना भारत के लिए जरूरी है। चुनाव से पहले देश की जनता मूड जानने के लिए 'डॉन न्यूज' ने सर्वे कराया जिसके परिणामों के मुताबिक, 1997 से राजनीति में हाथ आजमा रहे इमरान खान का पीएम बनने का सपना इस बार सच हो सकता है। खास बात यह है कि सर्वे में शामिल अधिकांश युवा थे, जिनकी उम्र 18 से 44 साल के बीच थी। सर्वे में यह भी पाया गया है कि पीटीआई के समर्थकों में अधिकांश युवा हैं। 
 
पाकिस्तान के चुनावों में इस बार जो तीन बड़े चेहरे हैं वह शाहबाज शरीफ (पीएमएल-एन), इमरान खान (पीटीआई) और बिलावल अली भुट्टो (पीपीपी) हैं। नवाज शरीफ के अयोग्य करार दिए जाने के बाद पार्टी की कमान संभालने वाले शाहबाज शरीफ को अच्छा प्रशासक तो माना जाता है लेकिन उन्हें नवाज की तरह करिश्माई नेता नहीं माना जाता। बिलावल अली भुट्टो राजनीतिक परिवार से हैं लेकिन वह पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। महज 29 साल के बिलावल अपने कम राजनीतिक अनुभव की वजह से पीटीआई और पीएमएल-एन को शायद ही टक्कर दे पाएंगे। ऐसे में तमाम सर्वे में इमरान खान बड़ा चेहरा बनकर सामने आ रहे हैं। 
 
पीटीआई को बढ़त 
सर्वे के मुताबिक, साल 2013 में हुए चुनाव में जिन लोगों ने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ को वोट दिया था, उनमें से 83.07 मानना है कि इस बार पीटीआई जीतेगी। हैरान करने वाली बात यह है कि जिन लोगों ने साल 2013 में पीएमएल-एन को वोट दिया था उनमें से भी 40.92 प्रतिशत का मानना है कि इस बार पीटीआई ही विजयी होगी। 
 
क्या चुनाव पर सेना का असर होगा? 
सर्वे में देश की सेना का चुनाव पर किस हद तक असर है यह खबरें तो इन दिनों मीडिया में छाई हुई हैं। लेकिन सर्वे के मुताबिक, पाकिस्तान के अंदर सिर्फ 34.27 प्रतिशत ही यह मानते हैं। इसके साथ ही 16.93 प्रतिशत लोग ऐसे भी हैं जिन्हें लगता है कि चुनावों में सेना का कोई असर नहीं होगा। सिर्फ 41.05 प्रतिशत लोगों ने यह माना है कि देश में निष्पक्ष चुनाव हो रहे हैं, वहीं 31.12 प्रतिशत आगामी चुनाव को निष्पक्ष नहीं मानते हैं। 
 
पीएमएल-एन के वोटर्स पीटीआई को देंगे वोट 
मतदाताओं के पार्टी बदलने के सवाल पर भी पीएमएल-एन को पीटीआई की तुलना में ज्यादा घाटा हो रहा है। जिन मतदाताओं ने बीते चुनाव में पीटीआई को वोट दिया था उनमें से अधिकांश इस बार भी इसी पार्टी को वोट देंगे। हालांकि, 14.55 प्रतिशत पुराने पीटीआई वोटर्स ने कहा कि वे इस बार दूसरी पार्टी को वोट देंगे। इनमें से अधिकांश 9.43 प्रतिशत ने माना कि वे पीएमएल-एन को वोट देंगे। वहीं, जब पीएमएल-एन के पुराने वोटर्स से यह सवाल किया गया तो 35.66 प्रतिशत ने इस बार दूसरी पार्टी को वोट देने की इच्छा जाहिर की। बीते चुनाव में पीएमएल-एन को वोट देनेवालों में से एक तिहाई मतदाताओं ने कहा कि वे इस बार पीटीआई को वोट देंगे। डॉन का यह सर्वे 4 से 9 जुलाई के बीच किया गया था। इसमें 18 हजार 136 लोगों को शामिल किया गया था। 
 
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