वाशिंगटन। छह महीने से भी कम समय में भारतीय और अमेरिकी नेतृत्व के दो लगातार ऐतिहासिक दौरों के साथ अमेरिका भारत का ‘‘सबसे करीबी सहयोगी’’ बनने की ‘‘राह’’ पर है क्योंकि दोनों देश अपने रणनीतिक संबंध मजबूत करने के ठोस एजेंडे पर सहमत हुए हैं। भारत में अमेरिका के राजदूत रिचर्ड राहुल वर्मा ने कहा कि पांच महीने में दोनों देशों के शीर्ष नेतृत्व का एक साथ आना और ‘‘ठोस एजेंडे’’ पर सहमत होना दुर्लभ है।
नई दिल्ली में शीर्ष राजनयिक पद पर बैठने वाले पहले भारतीय मूल के अमेरिकी नागरिक वर्मा ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मेरा विश्वास है कि हम भारत के सबसे करीबी सहयोगी बनने की राह पर हैं। जाहिर तौर पर हम स्वाभाविक सहयोगी हैं और हमारे मूल्य एक जैसे हैं, हम भारत के सबसे करीबी सहयोगी बनना चाहते हैं।’’ ‘ग्लोबल चीफ्स आफ मिशन कांफ्रेंस’ में शामिल होने के लिए
कुछ दिन के लिए वाशिंगटन डीसी आए वर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सितंबर में अमेरिका के दौरे और जनवरी में ओबामा द्वारा भारत के दौरे से दोनों देशों का रिश्ता और साझेदारी ‘‘नई उंचाई’’ पर पहुंच गई। अमेरिका भारत का ‘‘सबसे करीबी सहयोगी’’ बनने की ‘‘राह’’ पर है क्योंकि दोनों देश अपने रणनीतिक संबंध मजबूत करने के ठोस एजेंडे पर सहमत हुए हैं।