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जापान में बाढ़-भूस्खलन में मृतकों की संख्या 155 हुई

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jul 11 2018 10:34AM | Updated Date: Jul 11 2018 10:34AM
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कुराशिकी। जापान में बाढ़ और भूस्खलन के कारण हुई भारी तबाही से मंगलवार तक मृतकों की संख्या 155 पर पहुंच गयी और तापमान में बढ़ोतरी एवं पानी की कमी के कारण जन स्वास्थ्य को खतरा उत्पन्न हो गया है। 
 
जापान में पिछले 36 वर्षों में बारिश के कारण हुई यह सबसे बड़ी तबाही है। राहत एवं बचावकर्मी अभी भी बाढ़ पीड़ितों की तलाश में जुटे हुए हैं। सरकार ने बताया कि जापान के पश्चिमी हिस्से में पिछले सप्ताह मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ तथा भूस्खलन से बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई है और इससे भारी तबाही हुई है। ढलान वाले क्षेत्रों में काफी नुकसान पहुंचा है। इन क्षेत्रों में लगभग 67 लोग लापता हैं। हालांकि बाढ़ के कारण ठप हुई बिजली आपूर्ति को कुछ हद तक सुधारा गया है।
 
3,500 घरों में बिजली की आपूर्ति बहाल हो गयी है, लेकिन 200,000 से अधिक लोग अभी भी चिलचिलाती धूप में पानी की समस्या से जूझ रहे हैं। कुराशिकी जैसे कुछ क्षेत्रों में तापमान 33 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया है।  जापान के वित्त मंत्री तारो ओसो ने मंत्रिमंडल की बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, 'तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने के कारण एयर कंडीशनर लगाने के लगातार आग्रह आ रहे हैं। इस बीच हमें जीवन से जुड़ी सुविधाओं को बहाल करने की जरूरत है।
 
सरकार ने जारी किया राहत पैकेज
सरकारी प्रसारक असो ने बताया कि सरकार ने आपदा से निपटने के लिए 70 अरब येन (लगभग 63.1 लाख डॉलर) की राशि तय की है और 350 अरब येन (3.15 अरब डॉलर) रिजर्व में रखा है। उन्होंने बताया कि अगर जरूरत पड़ी तो अतिरिक्त बजट पर भी विचार किया जाएगा। मौसम विभाग मौसम की स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए है और समय पूर्व चेतावनियां भी जारी कर रहा है लेकिन जापान में घनी आबादी के पर्वतीय क्षेत्रों में रहने के कारण वह आपदा की आशंका से घिरी रहती है। 
 
विभाग ने मंगलवार को हिरोशिमा के एक हिस्से में एक नदी के मलबे के कारण अवरूद्ध हो जाने के बाद अपने किनारों से बाहर निकलकर बहने के कारण लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने का आदेश जारी किया। बारिश के बाद आई बाढ़ से उद्योग जगत भी काफी प्रभावित हुआ है और हिरोशिमा शहर में माजदा मोटर कंपनी ने हेड आफिस बंद कर दिया है। इस कंपनी ने पिछले सप्ताह कईं संयंत्रों में कामकाज को रोक दिया था और मंगलवार को भी दो और संयंत्रों को बंद करने की बात कही गई है।
 
गौरतलब है कि जापान में 1982 के बाद से यह सबसे बडी प्राकृतिक आपदा है जिसमें 20 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। मुख्य कैबिनेट सचिव योशीहिदे सुगा ने बताया कि इस आपदा के कारण आबे ने बेल्जियम, फ्रांस, सऊदी अरब और मिस्र का अपना दौरा स्थगित कर दिया है।
 
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