कुराशिकी। जापान में पिछले कई दिनों से जारी मूसलाधार बारिश से बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में सोमवार तक मरने वालों की संख्या 112 हो गयी और अभी कई लोग लापता हैं। बचावकर्ता लापता लोगों को बचाने की लगातार कोशिश कर रहे हैं।
प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 1983 के बाद जापान की सबसे बुरी बाढ़ आपदा से निपटने के लिए अपनी विदेश यात्रा रद्द कर दी है। इस आपदा से लाखों लोग अपने घरों से बेघर होने को मजबूर हो गये हैं। अधिकारियों ने कहा कि अभी तक आर्थिक नुकसान का पूरा ब्योरा नहीं मिल पाया है। पश्चिमी जापान में सोमवार को हालांकि बारिश थम गयी, आसमान साफ हो गया है और तापमान 30 डिग्री सेल्सियस से ऊपर चला गया है जिससे बिजली और पानी आपूर्ति पर असर पड़ा है और संबंधित क्षेत्रों में तेज गर्मी का खतरा उत्पन्न हो गया है।
मिहारा निवासी यूमेको मत्सुई ने कहा, 'हम लोग स्रान नहीं कर सकते, शौचालय दुरुस्त नहीं है और हमारा खाद्य भंडार कम होता जा रहा है।' वह गत शनिवार से बगैर पानी के रह रही हैं। आपातकालीन जलापूर्ति स्टेशन में नर्सरी स्कूल कार्यकर्ता 23 वर्षीय एक कर्मी ने कहा, 'बोतलों का पानी या चाय किसी भी सुविधा केंद्रों या अन्य दुकानों में उपलब्ध नहीं हो पा रही है।' ऊर्जा कंपनियों ने बताया कि करीब 11 हजार 200 घरों में बिजली आपूर्ति बंद पड़ी हुई है जबकि हजारों घरों में जलापूर्ति नहीं हो पा रही है।
राष्ट्रीय टीवी एनएचके के अनुसार मृतकों की संख्या कम से कम 112 हो गयी है और बाढ़ के कारण लाखों लोग बेघर हो गये हैं। टीवी रिपोर्ट में बताया सोमवार को नौ साल एक बच्चा मृत पाया गया और 78 लोग लापता हैं। सत्तारूढ़ पार्टी के अधिकारी ने बताया प्रधानमंत्री आबे ने आपदा को देखते हुए चार देशों बेल्जियम, फ्रांस, सऊदी अरब और मिस्र की यात्रा रद्द कर दी है। माजÞदा मोटर कॉर्प को सोमवार को हिरोशिमा में अपने प्रधान कार्यालय को बंद करने के लिए मजबूर होना पड़ा, बाढ़ से कई उद्योग परिचालन प्रभावित हुए हैं।
दहात्सु कंपनी ने शुक्रवार को अपने चार संयंत्रों को बंद कर दिया, कंपनी ने कहा कि वह सोमवार को दूसरी शाम की शिफ्ट चलाई गई। इलेक्ट्रोनिक्स का सामान बनाने वाली कंपनी पैनासोनिक कंपनी के पहली मंजिल में बाढ़ का पानी घुस जाने के बाद कंपनी में अपने पहले संयंत्र में कामकाज बंद कर दिया है। जापान की सेल्फ डिफेंस सेनाओं ने माबी मेमोरियल अस्पताल में फंसे अनेक लोगों को मोटरबोट की मदद से निकाला है।