लंदन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपनी ब्रिटेन यात्रा के दौरान महारानी एलिजाबेथ से मुलाकात करेंगे। ट्रंप ने ये फैसला उस वक्त लिया है जब उनकी महारानी से इस मुलाकात को लेकर भारी विरोध हो रहा है। मुस्लिम देशों के नागरिकों पर यात्रा प्रतिबंध लगाने और धुर दक्षिणपंथी 'ब्रिटेन फ?र्स्ट पार्टी' की उप नेता जेडा फ्रांसेन के एक ट्वीट को रिट्वीट करने के बाद से ट्रंप का यहां भारी विरोध किया जा रहा है।
इसके बाद हाल में ही मेक्सिको सीमा पर अवैध रूप से आने वाले लोगों के बच्चों को अलग करने के चलते उनका विरोध और तेज हो गया है।
ट्रंप के खिलाफ अभियान चला रहे लोग उन्हें दिया गया निमंत्रण वापस लेने की मांग कर रहे हैं। एलिजाबेथ के लिए अपने 66 साल के शासनकाल में किसी अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने का यह 12वां मौका होगा।
लिंडन जॉनसन को छोड़कर हैरी ट्रूमैन के बाद से वह अब तक सभी अमेरिकी राष्ट्रपतियों से मिल चुकी हैं। लेकिन, पहली बार किसी अमेरिकी राष्ट्रपति से उनकी मुलाकात का इस कदर विरोध किया जा रहा है। प्रधानमंत्री थेरेसा मे ने ट्रंप को पिछली साल ब्रिटेन यात्रा का निमंत्रण दिया था, तब से अब तक 1.86 लाख लोग उनके खिलाफ एक याचिका पर दस्तखत कर चुके हैं। इसमें कहा गया है कि उनको राजकीय यात्रा का सम्मान नहीं दिया जाना चाहिए, क्योंकि इससे महारानी को परेशानी होगी।
विरोधी दल लेबर पार्टी के सांसद गैविन शुकर ने सवाल किया कि राष्ट्रपति ट्रंप ने दो हजार छोटे बच्चों को कैद कर रखा है। वे संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद छोड़ चुके हैं। उन्होंने उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग के अपनी जनता के प्रति व्यवहार की प्रशंसा की है। वे मुस्लिमों से दूर जा चुके हैं। आखिर इस आदमी को किस मकसद से ब्रिटेन यात्रा का निमंत्रण दिया गया?