वाशिंगटन। अमेरिकी शोधकतार्ओं को गीजा के पुराने बंदरगाहों पर कुछ खंडहर मिले हैं। इन खंडहरों को लेकर माना जा रहा है कि मेनकायर के पिरामिड निर्माण के दौरान कुछ मकानों को गिराया गया था ये उन्हीं के खंडहर हैं। लाइव साइंस के अनुसार, 4500 साल पुराने इन दोनों मकानों में से एक अधिकारियों के लिए रसोई रहा होगा। यह खोज अमेरिका स्थित प्राचीन मिस्र रिसर्च एसोसिएट्स के शोधकतार्ओं ने की।
लाइव साइंस के अनुसार दोनों मकान गैलरीज नामक स्ट्रक्चर के पास स्थित है जहां गीजा की पैरामिलिट्री फोर्स रहा करती थी। इन गैलरीज में 1,000 लोगों के रहने की क्षमता है। शोधकर्ताओं का मानना है कि ये दोनों प्राचीन मकान उस वक्त के 'राष्ट्रीय बंदरगाह' के रूप में स्थित हैं, जो पूरे मिस्र और पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्रों से आने वाली वस्तुओं और सामग्रियों के साथ हैं।
एसोसिएट के निदेशक मार्क लेहनर ने कहा, 'शोधकर्ता ने बताया कि इसमें से एक में खाने-पीने का प्रबंध करने वाला अधिकारी रहता होगा और दूसरे में 'वादात' नामक मिस्र के संस्थान का अधिकारी। इन्हें वादात से संबंधित कुछ संकेत मिले हैं जिसके अधिकारी सरकार में उच्च स्तर पर होंगे।' मिस्र के प्राचीन सम्राट खूफू का मकबरा गीजा का महान पिरामिड दुनिया के सात अजूबों में पहले स्थान पर है। 2560 ईसा पूर्व में बने इस पिरामिड के निर्माण में विशालकाय पत्थरों का इस्तेमाल हुआ। दशकों से पुरातत्वविद गीजा पिरामिड के रहस्यों को उजागर करने में जुटे हैं।