कुआलालमपुर। मलेशिया के पूर्व प्रधानमंत्री नजीब रज्जाक पर सरकारी कंपनी 1 मलेशिया डेवलपमेंट बर्हाड (1एमडीबी) में पैसे के गबन और रिश्वत मामले में बुधवार को अदालत में आरोप तय किये गये। एटॉर्नी जनरल टॉमी थामस ने अदालत में नजीब के विरूद्ध लगाये गये तीन आपराधिक विश्वासघात करने तथा एक सत्ता के दुरूपयोग के आरोप पढ़े।
यह आरोप 1एमडीबी की पूर्व इकाई एसआरसी इंटरनेशनल में संदिग्ध लेनदेन से जुड़े हुए हैं। चारों आरोपों में से प्रत्येक के लिए 20 वर्ष तक की सजा हो सकती है। घोटाले के लिए अपने कार्यालय और पद के लिए गबन की गयी राशि का कम से कम पांच गुना से अधिक राशि जुर्माने के तौर पर अदा करनी पड़ सकती है।
नजीब को 1एमडीबी रिश्वत मामले में मंगलवार को भ्रष्टाचार निरोधक एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। गत मई में उनके प्रतिद्वंद्वी महातिर मोहम्मद (92) के प्रधानमंत्री पद का चुनाव जीतने के बाद से रज्जाक (64) सरकारी कंपनी 1 मलेशिया डेवलपमेंट बर्हाड (1एमडीबी) मामले में सरकार के निशाने पर हैं। उनके देश से बाहर जाने पर रोक लगा दी गयी है और उनसे जुड़ी करोड़ों डॉलर की संपत्ति जब्त कर ली गयी है।
महातिर ने पिछले माह रायटर के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि नजीब के खिलाफ सरकारी पैसे के गबन और रिश्वत के आरोप तय किये जाएंगे। उन्होंने कहा कि इन आरोपों की वजह से मलेशिया की जनता नजीब के खिलाफ हो गई थी और किसी अन्य नेता के तलाश में थी।
परिवार के करीबी सूत्रों ने बताया कि रिमांड आॅर्डर देने के बाद अधिकारियों ने रज्जाक को उनके घर से गिरफ्तार किया। रज्जाक हमेशा से इस मामले में अपनी संलिप्तता से इंकार करते रहे हैं और उनके प्रवक्ता ने इस पर अब तक कोई टिप्पणी नहीं की है।
रज्जाक ने 2009 में 1एमडीबी की स्थापना की थी जिसके खिलाफ कम से कम छह देशों में रिश्वत और काला धन को सफेद बनाने में संलिप्तता को लेकर जांच की जा रही है। अमेरिकी न्यायिक विभाग द्वारा दाखिल मुकदमे में आरोप है कि 1एमबीडी से करीब 4.5 अरब डॉलर का दुरूपयोग किया गया था। अपनी गिरफ्तारी के बाद ट्विटर पर जारी संदेश में नजीब ने कहा कि उनपर और उनके परिवार के उपर लगाये गये सभी आरोप सच नहीं हैं। उन्होंने कहा,"जांच होने दीजिए। मेरे पास खुद को बचाने का कोई अवसर नहीं है।"