बीजिंग। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का कहना है कि चीन शांति के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन दक्षिण चीन सागर और ताइवान जैसे विवादित इलाकों में 'अपनी जÞमीन का एक इंच' भी किसी को नहीं देगा। जिनपिंग ने ये बातें अमरीकी रक्षा मंत्री जेम्स मैटिस से बातचीत के बाद कहीं। उन्होंने कहा कि चीन दक्षिण चीन सागर और ताइवान जैसे विवादित इलाकों की एक भी इंच जमीन किसी को नहीं देगा। उन्होंने कहा कि चीन के इरादे शांतिपूर्ण हैं, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी दोहराया कि चीन अपनी जमीन और क्षेत्र को लेकर कोई समझौता नहीं करेगा।
सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ की रिपोर्ट के मुताबिक जिनपिंग ने कहा, 'हम अपने पुरखों की दी जÞमीन का एक इंच भी नहीं छोड़ सकते।' ट्रेड वॉर और दक्षिण चीन सागर में अधिकार को लेकर चीन के बढ़ते दावों को लेकर अमरीका और चीन के बीच तनाव बढ़ रहा है। मैटिस वर्ष 2014 के बाद चीन का दौरा करने वाले पहले अमरीकी रक्षा मंत्री हैं। वह एशिया में कई देशों का दौरा कर रहे हैं और अमरीका के तमाम सहयोगियों के साथ बैठकें कर रहे हैं।
मैटिस ने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात को 'बहुत ही अच्छा' बताते हुए कहा कि अमरीका चीन के साथ सैन्य सम्बन्धों को अहम रूप से बढ़ाने पर काम कर रहा है। इससे पहले अमरीका दक्षिण चीन सागर में चीनी गतिविधियों की लगातार आलोचना करता आया है। अमरीका ने चीन पर समुद्री इलाके में अपनी सेना तैनात कर और कृत्रिम आइलैंड बनाकर कर पड़ोसी देशों को धमकाने का आरोप भी लगाया है। अमरीका के अलावा भी फिलीपींस, इंडोनेशिया और वियतनाम जैसे कई देशों ने दक्षिणी चीन सागर में चीनी गतिविधियों की निंदा की है, लेकिन चीन हमेशा यह दावा करता आया है कि समुद्र के सबसे बड़े हिस्से पर उसका अधिकार है। चीन का कहना है कि दक्षिणी चीन सागर पर उसका अधिकार सदियों पुराना है।