ओस्लो। एक सरकारी अध्ययन में कहा गया है कि यूरोपीय संघ का एक नया कानून होने के बावजूद सोशल मीडिया वेबसाइट फेसबुक तथा सर्च इंजन गूगल हेरफेर और चालाकी दिखाते हुए अपने उपयोगकतार्ओं से उनकी निजी सूचनाएं देने पर जोर दे रही हैं। नॉर्वेजियन कंज्यूमर काउंसिल ने अपने अध्ययन में यह निष्कर्ष निकाला है। इसके अनुसार, ये कंपनियां उपयोगकर्ताओं को सीमित डिफॉल्ट विकल्प ही उपलब्ध करवा रही हैं, जबकि यूरोपीय संघ (ईयू) के नए डेटा संरक्षण नियमों में डेटा गोपनीयता के बारे में उपयोक्ता को अधिक नियंत्रण व विकल्प देने का प्रावधान किया गया है।