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चीन की 'जासूसी चिड़िया', सीमा पर रखेंगी नजर

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 28 2018 10:37AM | Updated Date: Jun 28 2018 10:37AM
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शिनजियांग। अगली बार जब कभी आप आसमान में चिड़िया को उड़ते देख खुशी महसूस कर रहे हों तो सतर्क रहें, क्योंकि यह चीन के ड्रोन हो सकते हैं जो आपकी हर गतिविधि पर नजर रख रहे होंगे। जी हां, चीन ने अपने हाल के सालों में सीमा पर पक्षी जैसे दिखने वाले ड्रोन तैनात किए हैं, जो भारत के लिए चिंता का विषय हो सकते हैं। 
 
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर के मुताबिक, देश का एक हिस्सा यानी शिनजियांग ऐसा प्रांत है, जहां इस तकनीक का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। चीन के इस प्रांत की सीमा भारत से भी लगती है। शिनजियांग प्रांत में ही भारत और चीन के बीच विवादित अक्साई चिन क्षेत्र आता है। इस पक्षी का कोड नेम 'डव'  रखा गया है। 
 
रिसर्च के मुताबिक यह ड्रोन रेडार की पकड़ में भी नहीं आएंगे
भारत के अलावा मंगोलिया, रूस, कजाखस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान, अफगानिस्तान और पाकिस्तान भी शिनजियांग प्रांत की सीमा से सटे हुए हैं। चीन का यह प्रांत मुस्लिम बहुल आबादी वाला है और पेइचिंग इसे आतंक का गढ़ मानता आया है। यही कारण है कि चीन की सरकार इस क्षेत्र पर कड़ी नजर रखती है। ये नए ड्रोन असली पक्षी की तरह ही हवा में उड़ सकते हैं, गोता लगा सकते हैं और पंख फड़फड़ा सकते हैं। डव प्रॉजेक्ट से जुड़े एक रिसर्चर के मुताबिक यह ड्रोन रेडार की पकड़ में भी नहीं आएंगे।
 
मौजूदा समय में ये ड्रोन पक्षियों की गतिविधियों की 90 प्रतिशत नकल करने में सक्षम हैं। इनमें से बेहद कम आवाज निकलती है, जिसकी वजह से इसकी असलियत का पता लगाना मुश्किल है।  इसे बनाने वाली टीम ने ड्रोन की तैनाती से पहले करीब 2 हजार बार परीक्षण किया। प्रॉजेक्ट से जुड़े रिसर्चर ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर बताया कि इसे बनाने में करीब 1.54 अरब डॉलर यानी करीब 105 अरब रुपये का खर्च आया है। 200 ग्राम वजन वाले डव 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से लगातार 30 मिनट तक उड़ सकते हैं। 
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