वाशिंगटन। चीन सरकार के हैकर्स ने अमेरिकी नौसेना का संवेदनशील डाटा चोरी कर लिया है जिसमें युद्ध योजना के अलावा अमेरिकी पनडुब्बी के इस्तेमाल में लायी जाने वाली सुपर सोनिक एंटी शिप मिसाइल भी की योजना भी शामिल है। अमेरिकी समाचार पत्र वाशिंगटन पोस्ट में एक अमेरिकी अधिकारी के हवाले से शुक्रवार को यह जानकारी दी गयी।
अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर बताया कि अमेरिका की सुरक्षा में यह सेंध जनवरी या फरवरी में लगायी गयी। इस चोरी को अंजाम देने के लिए हैकर्स ने अमेरिकी नौसेना की रहोडे द्वीप के न्यूपोर्ट में स्थित इकाई नेवल अंडरसी वॉर फेयर सेंटर के लिए काम करने वाले एक ठेकेदार को अपना निशाना बनाया। ठेकेदार के नाम को भी सार्वजनिक नहीं किया गया है। अमेरिकी नौसेना मामले की जांच कर रही है संघीय जांच ब्यूरों (एफबीआई) इस जांच में सहयोग कर रहा है। एफबीआई ने अभी इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है।
अमेरिकी नौसेना ने एक सवाल पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, 'नियमों के अनुसार कंपनियों को साइबर घटना होने की स्थिति में सरकार को इसकी सूचना देनी पड़ती है। साइबर घटना से उनके नियंत्रित और गैर श्रेणीबद्ध सूचनाओं के नेटवर्क पर विपरित प्रभाव पड़ता है। इस संबंध में इस समय विस्तृत चर्चा करना उचित नहीं है।' चीनी दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि चीन के दूतावास को इस हैकिंग प्रकरण के बारे में कोई जानकारी नहीं है। चीन निष्ठा पूर्वक साइबर सुरक्षा को बनाए रखता है। चीनी कानून के अनुसार साइबर हमलों के सभी स्वरूपों का मजबूती के साथ विरोध करता है।