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चीन और भारत कभी एक-दूसरे से दूर नहीं होंगे

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 7 2018 10:56AM | Updated Date: Jun 7 2018 10:57AM
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पेइचिंग। युद्ध के दशकों बाद डोकलाम जैसी घटना, कई मामलों पर लगातार अड़ंगा और सीमा विवाद के कारण भले ही कुछ समय संबंधों में खटास आ गई हो पर भारत और चीन के रिश्ते लगातार मजबूत हो रहे हैं। ऐसे में चीन में भारत के राजदूत ने दोनों देशों के रिश्तों को लेकर महत्वपूर्ण बात कही है। उन्होंने कहा है कि निश्चित ही भारत और चीन के बीच कुछ मतभेद हैं पर विकास के पथ पर हम एक दूसरे से कभी जुदा नहीं सकते। शायद, संबंधों में इसी गर्मजोशी का असर है कि सीमा पर तनाव पैदा होने के बाद भी दोनों देशों की सेनाओं ने शांतिपूर्वक समाधान निकालने की कोशिश की है।
 
चीन में भारत के राजनयिक गौतम बंबावले ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन अपने मतभेदों के बावजूद यह सुनिश्चित करेंगे कि दोनों देश मिलकर लगातार प्रगति और समृद्धि के लिए काम करें। भारतीय राजदूत ने यह बयान ऐसे समय में दिया है जब कुछ दिनों में ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग शंघाई सहयोग सम्मेलन (रउड) से इतर द्विपक्षीय वार्ता करने वाले हैं। 
 
एक महीने बाद फिर से मिलेंगे मोदी-शी 
चीन के सरकारी टेलिविजन को दिए साक्षात्कार में बंबावले ने कहा कि भारत और चीन विकास के पथ पर एक दूसरे से कभी जुदा नहीं हो सकते हैं। आपको बता दें कि पीएम मोदी चीन के क्विंगदाओ में 9-10 जून को होने वाले एससीओ सम्मेलन में शामिल होंगे। वुहान में चीनी राष्ट्रपति के साथ अनौपचारिक मुलाकात के एक महीने बाद फिर से दोनों नेता मिलने जा रहे हैं। 
 
दोनों एक दूसरे के आर्थिक विकास में सहयोगी 
बंबावले ने वुहान की मुलाकात को दोनों नेताओं के बीच का रणनीतिक संवाद बताया। उन्होंने कहा, मुझे लगता है कि राष्ट्रपति चिनफिंग और प्रधानमंत्री मोदी के बीच वुहान में अनौपचारिक मुलाकात दुनिया के दो सबसे बड़े देशों के नेताओं द्वारा एक-दूसरे के साथ बातचीत करने और दोनों देशों के बीच सहयोग बढ़ाने का प्रयास था। भारतीय राजदूत ने कहा, वुहान में बातचीत से दोनों नेता एक आम सहमति पर पहुंचे हैं। पहली और सबसे महत्वपूर्ण सहमति है कि भारत और चीन प्रगति और आर्थिक विकास में एक-दूसरे के सहयोगी हैं। दूसरी महत्वपूर्ण सहमति यह है कि भारत और चीन के बीच मतभेदों से ज्यादा समानताएं हैं।
 
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