लाहौर/इस्लामाबाद। पाकिस्तान की महिला पत्रकार एवं मानवाधिकार कार्यकर्ता गुल बुखारी को मंगलवार की शाम अपहरण कर लिए जाने के कुछ घंटे बाद बुधवार तड़के रिहा कर दिया गया। बुखारी के मीडिया सहयोगियों ने बताया कि वह 'वक्त न्यूज' के लिए टेलीविजन कार्यक्रम रिकॉर्ड करवाने जा रही थीं। इसी दौरान लाहौर के छावनी इलाके में कुछ लोगों ने उनके वाहन को रोक लिया और उन्हें अपने कब्जे में ले लिया।
'वक्त न्यूज' कार्यक्रम के प्रोड्यूसर मुहम्मद गुलशेर ने बताया कि बुखारी को टेलीविजन कार्यक्रम में मेहमान के रूप में आमंत्रित किया गया था। जब वह कार्यक्रम के लिए आ रही थीं, तभी कुछ ट्रक उनके वाहन के सामने आ गये जिससे उन्हें अपना वाहन रोकना पड़ा। इसी दौरान सादे कपड़े के साथ सेना की वरदी पहने कुछ लोगों ने उन्हें वाहन से बाहर खींच लिया और अपने साथ ले गये। गुलशेर ने बताया कि घटना के प्रत्यक्षदर्शी रहे पत्रकार के वाहन चालक के मुताबिक बुखारी को अपने साथ ले जाने से पहले उनके चेहरे को काले नकाब से ढक दिया गया।
बुखारी के शौहर अली नादिर ने बताया कि गुल वापस आ गयी हैं और सकुशल हैं, हालांकि उन्होंने घटना के संदर्भ में ज्यादा कुछ कहने से इंकार कर दिया। पाकिस्तान और ब्रिटेन की नागरिकता प्राप्त बुखारी पाकिस्तानी सेना की आलोचना और राजनीति में कथित हस्तक्षेप को लेकर काफी चर्चित रही हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर सेना के खिलाफ कई बार असामान्य रूप से आलोचना की। उन्होंने पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज के संस्थापक नवाज शरीफ का भी पक्ष लिया, जिनका सेना के साथ टकराव की स्थिति है।
बुखारी के अपहरण की घटना को लेकर सोशल मीडिया पर काफी तीव्र प्रतिक्रिया सामने आयी है। एक जाने माने पत्रकार सईद तलत हुसैन ने ट्वीट किया, 'अगर यह सही है, तो किसी आलोचक को चुप कराने का सबसे बड़ा दुस्साहस कहलायेगा। क्या पाकिस्तान किम का उत्तरी कोरिया या सिसी का मिस्र है।' नवाज शरीफ की पुत्री मरियम ने ट्वीट किया, 'यह घटना तकलीफदेह है। यह अत्याचार का बेहद जटिल तरीका है। ब्रिंग बैक गुल बुखारी।'