ग्वाटेमाला सिटी। मध्य अमेरिकी देश ग्वाटेमाला के फ्यूगो ज्वालामुखी में हुए विस्फोट से तबाही मच गई है। ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद उससे निकले लावा की चपेट में आने से अब तक 65 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 300 से अधिक जख्मी बताए जा रहे हैं। वहीं दर्जनों लोग अब भी लापता हैं।
स्थानीय सरकारी अधिकारियों के मुताबिक इससे करीब 17 लाख लोग इससे प्रभावित हुए हैं। इस भयावह घटना के बाद ग्वाटेमाला के राष्ट्रपति ने तीन दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित किया है। अल रोडियो, अलोतेनांगो और सैन मिगुएल में सबसे ज्यादा लोग मारे गए हैं।
राष्ट्रपति जिमी मोरालेस ने तीनों शहरों में रेड अलर्ट और पूरे देश में आॅरेंज अलर्ट जारी किया है। स्थिति गंभीर होने पर आपातकाल की भी घोषणा की जा सकती है। कोनराड नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट एजेंसी के महासचिव सर्गियो कबानास ने बताया कि ज्वालामुखी में विस्फोट के बाद लावा की नदी बह रही है। कई लोग लावा में ही दब गए हैं।
ज्वालामुखी के आसपास रहने वाले तीन हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया गया है। भूकंप और ज्वालामुखी विशेषज्ञ एडी सैनचेज ने कहा, 'ज्वालामुखी से निकल रही गैसों का तापमान 700 डिग्री तक बढ़ सकता है और राख 15 किमी के क्षेत्र में फैल सकती है। इस कारण नदियों के किनारे कीचड़ जमा हो सकता है।' राख से बचने के लिए लोगों को मास्क पहनने की सलाह दी गई है। और सभी जरूरी सुरक्षा अपनाने को कहा है। सेना आपदा कार्यों में जुटी है और लोगों के लिए अस्थायी कैंपों का निर्माण किया जा रहा है।