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राष्ट्रपति अशरफ ने हमले के विरुद्ध जारी फतवे का किया समर्थन

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 6 2018 10:51AM | Updated Date: Jun 6 2018 10:52AM
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काबुल। अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ ग़नी ने सोमवार को काबुल में मौलवियों के शांति शिविर पर हुए आत्मघाती हमले की कड़ी निंदा की तथा उनकी ओर से (मौलवियों द्वारा) ऐसे हमलों के खिलाफ जारी फतवे का समर्थन किया है।  गनी ने कहा कि हमलावरों ने इस्लाम के सिद्धांतों का भी उल्लंघन किया है। उन्होंने वीडियो पर अपने संबोधन में कहा, 'देशभर से धर्म गुरुओं और धार्मिक विद्वानों की बड़ी सभा को लक्षित करने वाला यह हमला वास्तव में इस्लाम के भविष्यवक्ता और इस्लाम के मूल्यों के वारिस के खिलाफ हमला था। दुर्भाग्य से, हर दिन अफगानिस्तान में थोपे गये युद्ध में हमारे निर्दोष बच्चों की जान चली जाती है।
 
7 मौलबियों समेत 14 की मौत
गौरतलब है कि इस आत्मघाती हमले में सात मौलवियों सहित 14 लोग मारे गये थे। यह घटना आगामी 20 अक्टूबर को प्रस्तावित संसदीय और जिला परिषद के चुनावों से पूर्व सुरक्षा व्यवस्था में गिरावट को भी दर्शाती है। हमले की जिम्मेदारी आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट ने ली है, लेकिन उसने कोई साक्ष्य नहीं दिया है।
 
देशभर के 2000 से अधिक धार्मिक विद्वान वर्षां से जारी संघर्ष की निंदा करने के लिए रविवार और सोमवार को लोया जिरगा (विराट परिषद) शिविर में एकत्र हुए थे। इन विद्वानों ने शांति बहाल करने को लेकर तालिबानी आतंकवादियों और विदेशी जवानों को जाने की इजाजत देने को लेकर एक फतवा जारी किया तथा आत्मघाती हमलों की निंदा की। 
 
अमेरिका समर्थित जवानों द्वारा 2001 में तालिबान को सत्ता से हटाये जाने के बाद यह संगठन फिर से देश में कठोर इस्लामिक शासन स्थापित करने के प्रयास में है। काबुल में हाल के महीनों में बम विस्फोट की कई घटनायें हो चुकी हैं जिसमें अनेक लोग मारे जा चुके हैं तथा मुसलमानों के पवित्र रमजान के दौरान भी ऐसी घटनाओं से मुक्ति के आसार नजर नहीं आ रहे हैं।

 

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