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कालेधन को सफेद करने, कट्टरपन के खिलाफ कार्रवाई के पक्ष में भारत

By Dabangdunia News Service | Publish Date: Jun 5 2018 10:47AM | Updated Date: Jun 5 2018 10:48AM
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जोहानसबर्ग। वैश्विक आर्थिक एवं राजनीतिक ढांचे को नया आकार देने में ब्रिक्स देशों की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि ब्रिक्स देशों को काले धन को वैध बनाने, आतंकवाद का वित्त पोषण और कट्टरपन को खत्म करने तथा साइबर सुरक्षा को केन्द्र में रखकर एक साझा आतंकवाद निरोधक रणनीति बनानी चाहिए। 
 
सुषमा स्वराज ने यहां ब्रिक्स विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ब्रिक्स देशों का काले धन को वैध बनाने, आतंकवाद का वित्तपोषण और कट्टरपन को खत्म करने तथा साइबर सुरक्षा को केन्द्र में रखकर एक साझा आतंकवाद निरोधक रणनीति बनाने का आह्वान किया है।' उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र की आतंकवाद निरोधक प्रणाली को प्रभावी बनाने का भी आह्वान किया है।
 
हम दक्षिण अफ्रीका के नेतृत्व में ब्रिक्स में आतंकवाद का मुकाबला करने के निर्णय को लागू करने को लेकर अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं। स्वराज दक्षिण अफ्रीका के पांच दिन के दौरे पर ब्रिक्स एवं इब्सा की मंत्रिस्तरीय बैठकों में भाग लेने आयीं हैं। विदेश मंत्री ने ब्रिक्स देशों के बीच सहयोग को और प्रगाढ़ बनाने पर बल दिया ताकि अनिश्चिता की ओर बढ़ते विश्व में वृद्धि दर बढ़ायी जा सके जहां अंतरराष्ट्रीय व्यापार एवं बहुपक्षीयवाद को कड़ी मुखालफत का सामना करना पड़ रहा है। 
 
हमारी बैठक ऐसे समय हो रही है जब बहुपक्षीयवाद, अंतरराष्ट्रीय व्यापार और नियम आधारित विश्व व्यवस्था की कड़ी मुखालफत की जा रही है। वैश्विक वृद्धि फिर से उठ रही है लेकिन दीर्घकालिक वृद्धि के लिए चुनौती अब भी कायम हैं। वैश्वीकरण के फायदों का लाभ सभी को मिल सके, यह सुनिश्चित करना सबके सामने अब भी एक चुनौती है। स्वराज ने कहा कि न्यू डेवलपमेंट और आकस्मिक आरक्षित व्यवस्था ब्रिक्स की प्रमुख पहल हैं जिनके कामकाज को सशक्त बनाया जाना चाहिए ताकि उसके परिणाम प्रभावी आ सकें। 
 
ब्रिक्स देशों में विश्व की 40 प्रतिशत आबादी रहती है और विश्व के सकल घरेलू उत्पाद का 30 प्रतिशत इन्हीं देशों से आता है। इस संगठन में एक बड़ी आर्थिक ताकत बनने की क्षमता है। उन्होंने कहा कि भारत अंतरराष्ट्रीय मामलों में एवं सदस्य देशों के बीच सहयोग बढ़ाने में ब्रिक्स की भूमिका के महत्वपूर्ण मानता है। 
 
सुषमा स्वराज दक्षिण अफ्रीका में होने वाले इस सम्मेलन की थीम अफ्रीका का समावेशी विकास रखे जाने की सराहना की और कहा कि हम भविष्य की प्रगति तथा भावी पीढ़ियों के रोजगार अवसरों के इंजन के रूप में प्रौद्योगिकी पर फोकस करने का भी स्वागत करते हैं। स्वराज भारत, ब्राजील एवं दक्षिण अफ्रीका (इब्सा) के विदेश मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता करेंगी। यह संगठन प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर गहन सहयोग से काम कर रहा है। अगले माह ब्रिक्स (ब्राजील, रूस, भारत, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका) के राष्ट्र प्रमुखों का शिखर सम्मेलन जोहानसबर्ग में आयोजित किया जाएगा। 
 
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